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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

लड़कियों के लिए देश का पहला सैनिक स्कूल वृंदावन में, 120 सीटों के लिए इसी महीने होगी लिखित परीक्षा

चयनित लड़कियों की दिनचर्या सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक रहेगी

मथुरा-कृष्ण और राधा की धरती मथुरा की पहचान अब यहां की लड़कियों से भी होगी। महिला सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में मिशन शक्ति एक शानदार उदाहरण है। समाज को सशक्त बनाना है तो पुरानी सोच से बाहर आना होगा। यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन में खुल रहे देश में लड़कियों के पहले सैनिक स्कूल के उद्घाटन के दौरान कहीं। साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित वात्सल्य ग्राम परिसर में इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बाबा रामदेव भी मौजूद रहे।इस दौरान स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय का भी लोकार्पण योग गुरु रामदेव ने किया।

यहां शुरू हो रहे देश के पहले सैन्य बालिका स्कूल से बेटियां तपकर निकलेंगी। उन्हें सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ आर्मी की ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।इसका लोकार्पण एक जनवरी को साध्वी ऋतंभरा के जीवन के 60 साल पूरे होने पर आयोजित षष्ठिपूर्ति महोत्सव में रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंह ने किया।

वात्सल्य ग्राम के प्रवक्ता उमाशंकर राही ने बताया कि विद्यालय में 120 सीटें हैं। इसमें एडमिशन के लिए राष्ट्रीय टेस्‍ट‍िंग एजेंसी परीक्षा कराती है।इसी महीने 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसिल‍िंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी। अगला सत्र अप्रैल से शुरू होगा। बेटियों के 3 बैच बनाए जाएंगे। बेटियों को सीबीएसई शिक्षा के साथ सैन्य शिक्षा, खेलकूद और बाधा प्रशिक्षण कराया जाएगा। पूर्व सैनिकों और एनसीसी की तरफ से ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

इसके अलावा सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा तय मानकों के आधार पर बाधा प्रशिक्षण के लिए मैदान तैयार कराया जाएगा। स्कूल में स्केट‍िंग, बॉलिवॉल, रायफल शूट‍िंग, घुड़सवारी भी बालिकाओं को कराई जाएगी। यहां पर चयनित लड़कियों की दिनचर्या सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक रहेगी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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