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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बिहार नए साल में गैस सिलेंडर मिलना मुश्किल, गांधी सेतु जाम, ट्रेनों में भी चढ़ना मुश्किल

पटना.

ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल में बस वाले भी साथ हो ले रहे हैं। मतलब, ट्रकों के साथ बस पर भी आफत। नतीजा, हर तरफ संकट। पटना को उत्तर बिहार के बाकी हिस्सों से जोड़ने की अहम कड़ी गांधी सेतु पर ट्रांसपोर्टरों ने जाम कर दिया। उधर, ट्रक जहां-तहां बंद रहने से सड़कों पर वैसे ही जाम लग रहा है। अंधेरे में खड़े ट्रकों के कारण हादसे की आशंका है, सो अलग।

आम जनजीवन पर सीधा असर साल के पहले दिन भले नहीं दिखा, लेकिन दूसरे दिन साफ नजर आया। सोमवार को रसोई गैस एजेंसियां बंद रहती हैं और मंगलवार को भी गैस नहीं आया तो लोग बाइक पर सिलिंडर लादे वेंडरों को ढूंढ़ने के लिए निकलने को मजबूर हुए। बाहर से आने वाले फलों पर असर अभी नहीं है, लेकिन स्थानीय सब्जी की कीमत इसी नाम पर बढ़ गई है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए हिंट एंड रन कानून के विरोध में पूरे देश में ट्रक, टैम्पो और डंपर चालकों ने चक्का चाम कर दिया। गया शहर के बाइपास माड़नपुर के पास रस्सी बांध कर विरोध जताया। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों से पिंडदान के लिए बस के माध्यम से गयाजी आने वाले श्रद्धालुओं की भी परेशानी बढ़ी हुई है।

गया माड़नपुर बाइपास के पास रस्सी बांध सड़क मार्ग को बाधित कर दिया है। विरोध करने वालों का कहना है कि ये कानून गलत है और इसे वापस लेना चाहिए। इन मांगों को लेकर गया जिले के सभी एनएच सड़कों, दूसरे जिले और राज्यों को जोड़ने वाली सड़क समेत कई जगहों पर हड़तालियों ने अपने-अपने वाहन और  सड़कों पर चल रही वाहनों को खड़ा कर जाम लगा दिया। जिसके वजह से जिले के विभिन्न सड़कों पर सैकड़ों वाहन सड़क खड़ा है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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