राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

संक्रांति से पहले बढ़े तिल के रेट, 200 रुपये किलो पर पहुंचे, गुड भी हुआ महंगा

विदिशा
संक्रांति के मौके पर घर-घर में लड्डू बनाए जाते हैं, लेकिन इस साल लड्डू बनाने वाली किराना सामग्री के दाम कई गुना बढ़ गए हैं जिसके चलते लोग पिछले साल की अपेक्षा कम ही किराना खरीद रहे हैं। पिछले साल 35 से 40 रुपये किलो बिकने वाले गुड़ के दाम 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। वहीं तिल के दाम 200 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए है।बता दें कि तीज-त्योहार आते ही खासकर किराना आदि खाद्य सामग्रियों के दामों में तेजी आने लगती है। संक्रांति आते ही शहर में गुड़ के दामों में 10 रुपये प्रति किलो तक की तेजी आ गई है। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि गन्ना लगाने से लेकर गुड़ बनाने तक की लागत अधिक आने के कारण गुड़ के दामों में तेजी आई है। गुड़ विक्रेता यशवंत शर्मा ने बताया कि पिछले साल गुड़ के दाम 35 से 40 रुपये प्रति किलो रहे थे, लेकिन उन्हें इस साल गुड़ महंगा मिला है जिसके चलते उन्हें 45 से 50 रुपये प्रति किलो में गुड़ विक्रय करना पड़ रहा है। बाजार में 40, 45 और 50 रुपये प्रति किलो में गुड़ बेचा जा रहा है।

चिरोंजी के दाम भी बढ़े
चिरोंजी के दामों में एक हजार रुपये तक की आई है तेजी फुटकर किराना व्यापारी राकेश साहू का कहना है कि चिरोंजी पिछले साल 1400 रुपये प्रति किलो थीं, इस साल दाम बढ़कर 2400 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। यानि चिरोंजी के दामों में एक हजार रुपये तक की तेजी आई है। तिल जो पिछले साल 150 से 160 रुपये प्रति किलो में आसानी से मिल रही थी, इस साल 200 रुपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं राजगिर के दामों में भी प्रति किलो 70 रुपये की तेजी आई है।

घरों में अब कम ही बनते हैं लड्डू
बेसन में 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि के साथ 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। मैदा के दामों में भी 8 से 10 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है। रेडीमेड लड्डुओं की बड़ी मांग संक्रांति पर लड्डू बनाने की पहले घर-घर में महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती थी और बड़ी संख्या में बेसन, मैदा, चावल, राजगिर आदि के लड्डू बनाए जाते थे, लेकिन अब घरों में कम ही लड्डू बनाए जाते हैं। लोग रेडीमेड लड्डू खरीदने लगे हैं। व्यापारियों का कहना है कि 15 नवंबर के बाद किराना सामग्री की बिक्री शुरू हो जाती थी जो 15 जनवरी तक चलती थी, लेकिन अब जनवरी में 10 से 15 दिन की ही ग्राहकी होती है। ज्यादातर लोग रेडीमेड लड्डू खरीदकर ले जाते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button