गांधी सागर अभयारण्य में कूनो से नहीं विदेश से आएंगे चीते
भोपाल
चीतों को मध्यप्रदेश का वातावरण अब भाने लगा हैं। कू नों के बाद मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य चीतों का दूसरा घर बनने जा रहा है। वाइल्ड लाइफ के अधिकारी शुभ्ररंजन सेन ने बताया कि गांधी सागर में कूनों के चीतों को नहीं शिफ्ट नहीं किया जाएगा बल्कि बाहरी देश से यहां चीते आएंगे।
गांधी सागर अभयारण्य की तैयारी अपने अंतिम दौर में है। जनवरी माह में चीतों के रहने के लिए अभयारण्य पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। अभयारण्य के कंंप्लीट होने के बाद चीतों को लेकर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 20 करोड़ रूपये है। अभयारण्य के तीनों ओर की फैसिंग अपने अंतिम दौर में है। फरवरी माह के मध्य तक अभयारण्य बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। 67 किलोमीटर का बाड़ा भी तैयार हो चुका हैं।
वन विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो पहली खेप में 5 से लेकर 10 चीतों को लाए जाने की योजना है। गौरतलब है कि 3 जनवरी को कूनों नेशनल पार्क में आशा चीता ने 3 शावकों को जन्म दिया था। वन विभाग इसे चीता प्रोजेक्ट की सफलता से जोड़कर देख रहा है। विभाग भी अब चीतों के नए बसावट को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हो गया है।