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मॉडल गर्लफ्रेंड की गोली मारकर की हत्या…जेल से बाहर आया खिलाड़ी, 6 गोल्ड भी जीत चुका है

प्रिटोरिया
दक्षिण अफ्रीका के एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस को पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया गया है और अब वह घर पर हैं। दक्षिण अफ्रीका के सुधार विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विभाग ने पिस्टोरियस की रिहाई के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। घोषणा सुबह लगभग साढ़े आठ बजे की गई, जिससे पता चलता है कि सुधार अधिकारियों ने ओलिंपिक धावक को दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया के अटेरिजविले सुधार केंद्र से सुबह रिहा कर दिया। पिस्टोरियस के दोनों पैर नहीं है और वह कृत्रिम पैरों के सहारे दौड़ते हैं।

गर्लफ्रेंड की हत्या
पिस्टोरियस ने 2013 में वेलेंटाइन डे के दिन अपनी प्रेमिका रीवा स्टीनकैंप की हत्या के लिए मिली 13 साल और पांच महीने की सजा में से लगभग नौ साल की सजा काट ली है। नवंबर में उन्हें पैरोल देने को मंजूरी दे दी गई थी। पिस्टोरियस ने 14 फरवरी 2013 को तड़के शौचालय के दरवाजे से कई बार गोली मारकर स्टीनकैंप की हत्या कर दी थी। दक्षिण अफ्रीका में गंभीर अपराध करने वाले अपनी कम से कम आधी सजा काटने के बाद पैरोल के पात्र होते हैं। पिस्टोरियस के शुरू में प्रिटोरिया के वाटरक्लूफ में अपने चाचा के घर में रहने की उम्मीद थी और उस घर के बाहर एक पुलिस वैन खड़ी देखी गई थी।

2029 में खत्म होगी सजा
सुधार विभाग ने पिस्टोरियस की रिहाई की घोषणा कहा कि वे, ‘यह पुष्टि करने में सक्षम हैं कि ऑस्कर पिस्टोरियस पांच जनवरी 2024 से प्रभावी रूप से पैरोल पर हैं। उन्हें सामुदायिक सुधार प्रणाली में रखा गया था और अब वह घर पर हैं।’ दिसंबर 2029 में शेष सजा समाप्त होने तक पिस्टोरियस सख्त शर्तों के तहत पैरोल पर रहेंगे। गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप की मां जून स्टीनकैंप ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी कानून के तहत पिस्टोरियस की पैरोल स्वीकार कर ली है।

गर्लफ्रेंड की मां का विरोध
जून स्टीनकैंप ने कहा, ‘क्या रीवा को न्याय मिला है? क्या ऑस्कर ने पर्याप्त समय जेल में बिताया है? यदि आपका प्रियजन कभी वापस नहीं आ रहा है तो कभी भी न्याय नहीं हो सकता है, कितना भी समय जेल में बीते पर रीवा वापस नहीं आएगी।’ हम जो पीछे रह गए हैं वे आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ऑस्कर पिस्टोरियस की पैरोल पर रिहाई के साथ, मेरी एकमात्र इच्छा यह है कि मुझे रीवा की विरासत को जारी रखने के लिए रीवा रेबेका स्टीनकैंप फाउंडेशन पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए अपने अंतिम वर्ष शांति से जीने की अनुमति दी जाएगी।’

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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