RO.NO.12879/162
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

कम से कम लागत में अधिकाधिक लोगों को रोजगार दें – कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल

कम से कम लागत में अधिकाधिक लोगों को रोजगार दें – कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल

विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर राज्यमंत्री जायसवाल ने किसानों की आय बढ़ाने और रेशम पर्यटन विकसित करने के निर्देश दिये

भोपाल

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि विभागीय अधिकारी कम से कम लागत में अधिकाधिक लोगों को रोजगार दें और स्वरोजगारी बनने के लिये जरूरतमंदों को विभागीय प्रोत्साहन और सहयोग भी करें। रेशम की खेती से नये किसानों को भी जोड़ा जाए। राज्यमंत्री जायसवाल आज मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र के अनुसार रेशम से समृद्धि योजना के तहत भूमिहीन अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रेशम की खेती से जोड़कर उन्हें लखपति बनाने के लिये समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। प्रदेश में रेशम की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाए शुरूआत में प्रदेश के किसी एक ब्लाक या तहसील की 500 महिलाओं को रेशम की खेती कराकर उन्हें लखपति बनाने का प्रयास करें। इससे बाकी महिलाएँ भी रेशम की खेती से जुड़ने के लिये प्रेरित होंगी। राज्यमंत्री जायसवाल ने आयुक्त रेशम से कहा कि वे रेशम पर्यटन एवं कौशल रोजगार उपयोजना के तहत अधिकाधिक रेशम पर्यटन विकसित करें। इसके तहत रेशम कीट उत्पादन केंन्द्रों, प्रसंस्करण इकाईयाँ फार्म हाउस एवं रेशम विक्रय की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में पर्यटकों को बताया जाए। इससे रेशम उत्पादन के प्रति जागरूकता और पर्यटन से आय उपार्जन को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग ललित दाहिमा, आयुक्त रेशम मदन नागरगोजे, अवर सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग जी.एस. आर्य सहित अन्य सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यमंत्री जायसवाल ने कहा कि रेशम की खेती से किसानों की आय बढ़ाने के लिये सर्वप्रथम उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण दें। रेशम उत्पादन के लिये कीट प्राप्त करने, उन्हें विकसित करने और उत्पादन के पश्चात रेशम विक्रय के बारे में किसानों को स्टेप-बाय-स्टेप जानकारी दें, जिससे वे इस दिशा में आगे आएं। प्रदेश में रेशम उत्पादन बढ़ाएँ और अगले एक साल में रेशम का उत्पादन वर्तमान उत्पादन से दोगुना करने के लक्ष्य की दिशा में कार्य करें। बताया गया कि विभाग के पुराने रेशम उत्पादन केन्द्रों को पुन: कार्यशील करने के लिये 196 करोड़ रूपये और नये रेशम उत्पादन केन्द्र विकसित करने के लिये भी बजट की मांग राज्य शासन से की गई है।

आयुक्त रेशम ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जहाँ नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में मलबेरी, टसर, ऐरी और मूंगा रेशम कीट का पालन (उत्पादन) किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक चरण में प्रदेश के 10 रेशम उत्पादन केन्द्रों को रेशम पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इन रेशम पर्यटन केन्द्रों में भ्रमण को बढ़ावा देने के लिये एक एप तैयार किया जा रहा है। इच्छुक पर्यटक यहाँ आने के लिये इस एप के जरिये ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स – ओएनडीसी (भारत का देशी अमेजन) के जरिये विभाग किसानों द्वारा उत्पादित रेशम उत्पादों को उनके घरों से एकत्रित कर उत्पादों की विश्वव्यापी मार्केटिंग की जाएगी और विदेशों को रेशम व इससे जुड़े अन्य उत्पादों का निर्यात भी किया जाएगा। मध्यप्रदेश ऐसा नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनूपपुर जिले की कोतमा तहसील क्षेत्र में शुरूआती तौर पर एक हजार एकड़ भूमि में रेशम कीट एवं उत्पादन केन्द्र प्रारंभ पालन करने की दिशा में ठोस प्रयास किये जा रहे हैं।

हस्तशिल्प एवं हथकरघा की विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर राज्यमंत्री जायसवाल ने कहा कि हस्तशिल्प उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। विक्रय केन्द्रों का आधुनिकीकरण भी किया जाए। हथकरघा उत्पादों की मांग के अनुरूप इनकी आपूर्ति बढ़ाई जाए। बैठक में आयुक्त हथकरघा, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं मध्यप्रदेश संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती सूफिया फारूकी ने विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं नये कारीगरों के प्रोत्साहन के लिये किये जा रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी।

उर्दू की श्रेष्ठ पुस्तकों के पुरस्कारों के लिये आवेदन 12 फरवरी तक आमंत्रित

भोपाल

मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग द्वारा उर्दू की श्रेष्ठ पुस्तकों पर 6 राष्ट्रीय एवं 13 प्रादेशिक पुरस्कार दिये जाने के लिये 01 जनवरी, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक की अवधि में प्रकाशित पुस्तकें 12 फरवरी, 2024 तक आमंत्रित हैं।

अखिल भारतीय पुरस्कार की श्रेणी में मीर तकी मीर पुरस्कार (उर्दू शायरी), हकीम कुमरूल हसन पुरस्कार (उर्दू पत्रकारिता, शोघ एवं आलोचना), हामिद सईद खाँ पुरस्कार (कहानी, लघु कथा), शादाँ इन्दौरी पुरस्कार (निबंध एवं अनुवाद), जौहर कुरैशी पुरस्कार (हास्य व्यंग्य), इब्राहीम यूसुफ पुरस्कार (नाटक, दास्तान) के लिये 51 हजार रूपये का पुरस्कार निर्धारित है।

प्रादेशिक पुरस्कार 31 हजार रूपये की श्रेणी मेंसिराज मीर खाँ सहर पुरस्कार (उर्दू शायरी), बासित भोपाली पुरस्कार (कहानी लघु कथा), मोहम्मद अली ताज पुरस्कार (रेखाचित्र, रिपोर्ताज़), नवाब सिद्दीक हसन खाँ पुरस्कार (उर्दू पत्रकारिता (उर्दू पत्रिका) शोध व आलोचना), शैरी भोपाली पुरस्कार (बाल साहित्य), कैफ भोपाली पुरस्कार (उर्दू शिक्षक), शम्भू दयाल सुखन पुरस्कार (अ-उर्दू भाषी लेखकों/शायरों की उर्दू कृति), शिफा ग्वालियरी पुरस्कार (प्रदेश के लेखक / शायर की पहली कृति), जाँ निसार अख़्तर पुरस्कार रसाई साहित्य (रसाई, नात, उर्दू साहित्य / शायरी की एक विद्या), पन्नालाल श्रीवास्तव नूर पुरस्कार (आत्मकथा, संस्मरण), सूरज कला सहाय पुरस्कार (यात्रा क्रतांत), नवाब शाहजहाँ बेगम ताजवर पुरस्कार (निबंध एवं अनुवाद), निदा फ़ाज़ली पुरस्कार (उर्दू नज़्म, दोहा, रुबाई) इसमें 31 हजार का पुरस्कार दिया जायेगा।

इन पुरस्कारों के लिये 01 जनवरी, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 में प्रकाशित पुस्तकों के लेखकों से पुस्तक की चार-चार प्रतियाँ निर्धारित फार्म भरकर 12 फरवरी, 2024 तक कार्यालय, म.प्र. उर्दू अकादमी, मुल्ला रमूज़ी संस्कृति भवन, बाणगंगा रोड, भोपाल भेजने का अनुरोध है। निर्धारित फार्म उर्दू अकादमी की वेबसाईट से प्राप्त किया जा सकता है।

जनजातीय विशिष्ट आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा के आवेदन की तिथि 10 जनवरी तक बढ़ी

6वीं कक्षा की 8447 सीटों के लिए 11 फरवरी को होगी प्रवेश परीक्षा

भोपाल

जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं की 8447 सीटों की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 8 जनवरी से बढ़ाकर 10 जनवरी की गई है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिये 11 फरवरी 2024 को सुबह 10 बजे परीक्षा आयोजित होगी। प्रवेश-पत्र 29 जनवरी से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन प्रदेश में संचालित 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 6वीं कक्षा में 3615 सीटें हैं। प्रदेश के 81 कन्या शिक्षा परिसर में कुल 4552 बालिकाओं के लिये और 8 आदर्श आवासीय विद्यालयों में कुल 280 सीटें हैं। मेरिट सूची में चयनित एवं न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने विकल्प के अनुसार विद्यालयों में रिक्त सीट के विरुद्ध प्रवेश के लिये पात्र होंगे। विभागीय वेबसाइट https://www.tribal.mp.gov.in/MPTAAS के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button