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लश्कर ए तैयबा का फाउंडर हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी नहीं रहा

कराची

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के डिप्टी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मौत की पुष्टि कर दी है।

बताया जाता है कि भुट्टावी की पाकिस्तान की जेल में मौत हो गई है। अब्दुल सलाम भुट्टावी के बारे में मीडिया के हवाले से बताया जा रहा है कि वह वह लंब समय से पाकिस्तान की जेल में टेरर फाइनेंसिंग मामले में सजा काट रहा था और पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहा था। हालांकि उसके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसकी मौत कुछ महीने पहले ही हो चुकी थी लेकिन मौत के बारे में अब आंतकी संगठन की तरफ से पुष्टि की गई।

लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11/2008 को मुंबई में भीषण आतंकी हमला कराया था। इसके चलते 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक घायल हुए थे। हाफिज सईद भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है। भारत सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान से कहा है कि वह हाफिज सईद को सौंप दे।

दिल का दौरा पड़ने से हुई हाफिज अब्दुल की मौत

UNSC के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए प्रेस नोट में कहा गया है कि 77 साल के हाफिज अब्दुल की मौत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में हुई। वह पाकिस्तान सरकार के हिरासत में था। 29 मई 2023 को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई।

78 साल की कैद की सजा काट रहा हाफिज सईद

हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने के बाद हाफिज अब्दुल लश्कर-ए-तैयबा के रोज के कामों का इंचार्ज था। मुंबई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी पुलिस ने हाफिज सईद को हिरासत में लिया था। जून 2009 में पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे हिरासत से मुक्त कर दिया था। वर्तमान में मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में 78 साल की कैद की सजा काट रहा है।

UNSC ने बताया है कि हाफिज अब्दुल के नेतृत्व में मध्य 2002 में लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान के लाहौर में बेस बनाया था। 14 मार्च 2023 को उसे लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों में भाग लेने या समर्थन करने के लिए अल-कायदा से जुड़े होने के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

भुट्टवी ने लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा (एलईटी/जेयूडी) के कार्यवाहक अमीर के रूप में कम से कम दो मौकों पर काम करते हुए लश्कर-ए-तैयबा के भीतर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब हाफिज सईद को हिरासत में लिया गया था। वह नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के लिए गुर्गों को तैयार करने में शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप 150 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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