RO.No. 13028/ 149
जिलेवार ख़बरें

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में रहने वाली महिला को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण मिला, ये मुर्दाघर में काम करने वाली संतोषी है

रायपुर
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में रहने वाली महिला को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण मिला है। इस आमंत्रण के बाद महिला ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया गया है। महिला ने कहा कि मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं, जहां बड़े-बड़े लोगों को आमंत्रण नहीं मिला, वहां बस्तर के एक छोटे जिले से आने वाली महिला को बुलावा आया है।‌ यह महिला स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम का काम करती है। जिसने अब तक 700 से ज्यादा शवों का पोस्टमार्टम किया है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र बस्तर संभाग के कांकेर जिले से महिला आती है। जनपद पंचायत नरहरपुर के भगत सिंह वार्ड में रहने वाली इस महिला का नाम संतोषी दुर्गा है। जिसे अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण मिला है। इस आमंत्रण पत्र के बाद संतोषी दुर्गा भावुक हो गई। जैसे ही आमंत्रण पत्र संतोषी को दिया गया उसकी आंखों से खुशियों का सैलाब उमड़ पड़ा। जिसके बाद संतोषी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस आमंत्रण पत्र के लिए धन्यवाद दिया। उसने कहा कि मै मुर्दाघर में छोटी सी नौकरी करने वाली महिला जिसे इतना बड़ा सम्मान मिला है।  जहां आज बड़े-बड़े लोगों को आमंत्रण नहीं मिला वहां प्रभु श्री रामलला का बुलावा मुझे आया है। उसने कहा कि मेरे प्रभु श्री राम ने उंगली पड़कर मुझे अयोध्या बुलाया है, मै जरूर जाऊंगी।

श्री राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 6 जनवरी 2024 को आमंत्रण पत्र भेजा गया। अयोध्या से आमंत्रण पत्र मिलने के बाद संतोषी ने कहा कि उसने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि उसे राम लाल की जन्म भूमि अयोध्या से बुलावा आएगा। उसने कहा कि मुझे श्री राम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। मैंने पिछले जन्म में जरूर कुछ अच्छे काम किए होंगे, जिसका फल मुझे आज मिल रहा है।‌ संतोषी को आमंत्रण पत्र मिलने के बाद नरहरपुर क्षेत्र में खुशी का वातावरण है, स्थानीय लोग भी संतोषी से मुलाकात कर उसे बधाई दे रहे हैं।

क्यों मुर्दाघर में काम करने लगी संतोषी
नरहरपुर स्वास्थ्य केंद्र में संतोषी के पिता भी नौकरी करते थे। जब संतोषी के पिता पोस्टमार्टम किया करते थे तब वह शराब का सेवन करते थे। जिसके चलते उन्हें नशे की लत हो गई। संतोषी उन्हें हमेशा शराब पीकर पोस्टमार्टम करने से मना करती थी, तब वह कहते थे कि शव का चीरफाड़ होशोहवास में नहीं किया जा सकता है। इसके बाद संतोषी ने पिता से बिना नशे में पोस्टमार्टम करने की शर्त लगाई। साल 2004 में संतोषी दुर्गा ने पहली बार कब्र खोदकर निकल गए 5 दिन पुराने शव का पोस्टमार्टम किया था। संतोषी ने बताया कि उस वक्त उसके न तो उसके हाथ कापे न ही शव की बदबू से वह पीछे हटी। शर्त हारने के बाद पिता ने शराब को हाथ नहीं लगाया, लेकिन कुछ दिनों के बाद उनकी मौत हो गई। संतोषी ने बताया कि उसे नरहरपुर अस्पताल में जीवनदीप योजना के तहत संविदा भर्ती में रखा गया है जहां उसे 2600 रुपए वेतन मिलता है। संतोषी ने अब तक 700 से ज्यादा पोस्टमार्टम के कार्य में सहयोग कर चुकी है। संतोषी दुर्गा के परिवार में उसके पति रविंद्र दुर्गा सहित 6 सदस्य हैं। संतोषी ने इन 14 सालों में उसने अपनी एक बहन की शादी भी कर दी‌ है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button