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अमेरिकी वैज्ञानिकों का निष्कर्ष, दवाओं के लिए मारिजुआना पर लगा प्रतिबंध हटा दिया जाना चाहिए

वाशिंगटन
अमेरिका के वैज्ञानिकों का मत है कि दवाओं के लिए मारिजुआना पर लगे प्रतिबंध को हटा देना चाहिए। संघीय वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि मारिजुआना उतना जोखिम भरा नहीं है, जितना आंका गया है।

न ही अन्य कड़ाई से नियंत्रित पदार्थों की तरह इसके दुरुपयोग की संभावना है। इन वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि इसके संभावित चिकित्सीय लाभ हैं। इसलिए देश की दवाओं की सबसे प्रतिबंधात्मक श्रेणी से इस अब बाहर कर देना चाहिए।

द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास के वकील मैथ्यू जोर्न ने मारिजुआना पर लगे प्रतिबंध के संबंध में संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। मैथ्यू ने मांग की है कि यह प्रतिबंध हटाया जाए। उन्होंने इस संबंध में 250 पेज की रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में ही मारिजुआना पर किया गया वैज्ञानिक अध्ययन शामिल है। इसका  ऑनलाइन प्रकाशित किया। एक एचएचएस अधिकारी ने दस्तावेज की प्रामाणिकता की पुष्टि की है।

अखबार के अनुसार, 1970 से अमेरिका में मारिजुआना पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इस प्रतिबंध मेंहेरोइन भी शामिल है। यह प्रतिबंध यह कहते हुए लगाया गया था कि इससे निर्मित दवाओं का कोई चिकित्सीय उपयोग नहीं है और इसके दुरुपयोग की अत्यधिक संभावना है। मैथ्यू की रिपोर्ट मे्ं खाद्य एवं औषधि प्रशासन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज के वैज्ञानिकों ने सिफारिश की है कि ड्रग इनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन मारिजुआना को केटामाइन और टेस्टोस्टेरोन जैसी दवाओं के साथ अनुसूची तीन में शामिल दवाओं की श्रेणी में शामिल कर दे। उल्लेखनीय है कि मारिजुआना पर अमेरिका बहस चलती रहती है। दिसंबर, 2020 में हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स ने मारिजुआना (गांजा) को कानून के दायरे से बाहर करने के लिए मतदान किया था।

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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