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देश के सबसे स्वच्छ शहर का सतत सात बार तमगा पाने वाले इंदौर की छवि वैश्विक पटल पर उभरकर आई, शहर में पर्यटकों की आवाजाही की संख्या में खासा इजाफा

इंदौर
देश के सबसे स्वच्छ शहर का सतत सात बार तमगा पाने वाले इंदौर की छवि वैश्विक पटल पर उभरकर आई है। ऐतिहासिक महत्व वाले इस शहर में पर्यटकों की आवाजाही यूं तो पहले भी ज्यादा थी, लेकिन जबसे शहर स्वच्छता का सिरमौर बना, तबसे इसकी संख्या में खासा इजाफा हो गया। अभी तक ऐतिहासिक इमारतों को ही देखने यदा-कदा पर्यटक आते थे। अब स्वच्छता देखने, उसे कायम रखने की नीति समझने और स्वच्छ शहर की खूबसूरती निहारने के लिए पर्यटकों की संख्या तीन गुना हो गई है। इनमें देश-विदेश के प्रशासनिक अधिकारी, नेता, सामाजिक संगठन और एजेंसियां भी शामिल हैं।
 
शहर में पर्यटकों और निवेशकों की बढ़ती रुचि की वजह कई हैं। इंदौर के एक तरफ महाकाल ज्योतिर्लिंग है तो दूसरी तरफ ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग। उज्जैन में महाकाल महालोक बनने के बाद तो लाखों दर्शनार्थी प्रतिदिन आ रहे हैं। वहीं ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण और वहां हो रहे विकास ने आकर्षण बढ़ा दिया है। ऐतिहासिक नगरी मांडू-महेश्वर और धार भी इंदौर होकर ही जाना पड़ता है तो रालामंडल अभयारण्य, रामसर साइट सिरपुर तालाब, यशवंत सागर प्रवासी परिंदों की दुनिया को करीब से जानने के बेहतर जरिये हैं।
 
400 होटलों वाला हो गया अपना शहर
इंदौर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ वेस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुमित सूरी बताते हैं कि एक वक्त था, जब शहर में चंद होटल हुआ करते थे। आज शहर में करीब 400 होटल हैं। सात पांच सितारा होटल हैं और अभी होटल इंडस्ट्री के कई बड़े नाम यहां पैर जमाने के लिए आमद दर्ज करा चुके हैं। जल्द ही शहर में चार या पांच सितारा चार होटल शुरू होने जा रहे हैं। इंदौर प्रदेश का एकमात्र शहर है, जहां सर्वाधिक होटल हैं। खानपान के ठीए तो अनगिनत हैं। शहर में होटल की बढ़ती संख्या की वजह यही है कि अब यहां पर्यटक अधिक संख्या में आने लगे हैं। इसमें स्वच्छता अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि हर मेहमान यही कहता है कि उन्हें शहर की स्वच्छता के बारे में जानना और देखना है।

और निखरी यहां की सूरत
स्वच्छता केवल सड़कों पर ही नहीं बल्कि खानपान के मशहूर स्थानों पर भी नजर आई। 56 दुकान और सराफा बाजार में स्वच्छता का ध्यान रखा गया। उन्हें इसके लिए पदक भी मिले। राजवाड़ा, गोपाल मंदिर, बोलिया सरकार छत्री, लालबाग पैलेस, हरिराव होलकर की छत्री, छत्रीबाग और गांधी हाल का संरक्षण कर उसकी छवि निखारी गई। इसे देखने के लिए भी अब पर्यटक वक्त गुजार रहे हैं। 86 उड़ानें भी नियमित संचालित होती हैं। हवाई मार्ग से जुड़ने के कारण व्यापार-व्यवसाय को तो मानों पंख लग गए। रेलवे लाइन भी दुरुस्त हो चुकी है। देश के लगभग सभी प्रांतों के लिए कनेक्टिविटी है। सड़क मार्ग के बेहतर होने से यात्री ही नहीं बल्कि माल की आवाजाही भी सुलभ हो गई है। उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर के साथ इंदौर में पर्यटन के लिए प्रतिमाह 14 से 15 लाख लोग आते हैं।

इंदौर का फायदा महेश्वर-मांडू को भी मिल रहा
मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि एक वक्त था जब उज्जैन-ओंकारेश्वर दर्शन के लिए लोग इंदौर तो आते थे, लेकिन वे शहर में घूमने के लिए ज्यादा रुचि नहीं लेते थे। करीब तीन वर्षों में शहर घूमने वाले पर्यटकों की संख्या में करीब तीन गुना बढ़त हुई है। अब जो लोग उज्जैन-ओंकारेश्वर, महेश्वर घूमने आ रहे हैं वे इंदौर भी घूम रहे हैं, जिसमें स्वच्छता की बड़ी भूमिका है। लोग यहां स्वच्छता का माडल समझने आ रहे हैं। इनमें देशी के साथ विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। इंदौर की स्वच्छता का फायदा आसपास के दर्शनीय स्थलों महेश्वर, मांडू को भी मिल रहा है। जो लोग इंदौर आते हैं वे इन स्थानों पर भी जाने की इच्छा रखते हैं। इससे वहां भी पर्यटन को बढ़ावा मिला है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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