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सेना के अभियानों में मानव रहित यान (यूएवी) का महत्व बढ़ रहा, थर-थर कांपेंगे चीन-पाकिस्तान,

नई दिल्ली
सेना के अभियानों में मानव रहित यान (यूएवी) का महत्व बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए थल सेना के इंजीनियरों ने एक ऐसा यूएवी विकसित किया है, जो निगरानी और सामान ढोने के साथ-साथ असॉल्ट राइफल से गोलियां भी बरसा सकता है। यह दुश्मन के ठिकानों पर ग्रेनेड हमले करने में भी सक्षम है। ऊंचे इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी इस यूएवी के सफल परीक्षण किए जा चुके हैं।

सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस यूएवी का नाम बहुद्देश्यीय ओक्टोकॉप्टर रखा गया है। इसे सेना ने अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खुद ही डिजाइन किया है। अब इसका बड़े पैमाने पर निर्माण करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए तकनीक उद्योग जगत को सौंपी जा सकती है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ओक्टोकॉप्टर की खूबी यह है कि इसमें एक ऐसा प्लेटफॉर्म फिट किया गया है, जो असॉल्ट राइफल को चला सकता है। इसके लिए यूएवी पायलट कंट्रोल रूम से ही कमांड दे सकता है। इसी प्रकार इसमें ग्रेनेड रखने की भी जगह बनाई गई है।

निगरानी उपकरणों से भी है लैस
सेना के अनुसार, ओक्टोकॉप्टर में वे सभी निगरानी उपकरण लगे हैं, जो एक आम ड्रोन में होते हैं। यानी यह ड्रोन की भांति निगरानी भी कर सकता है। दूसरे, यह कुछ छोटे सामानों को ढोने में भी सक्षम है। ओक्टोकॉप्टर एक तरफ उन इलाकों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सेना के ऑपरेशन चल रहे होते हैं। वहां इसका इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ लड़ने के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही दुर्गम इलाकों में इसका इस्तेमाल जरूरी सामान ले जाने के लिए भी किया जा सकता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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