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माइग्रेन से आंतों की बीमारी का खतरा, सावधान रहें!

हाल के एक अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन से पीड़ित मरीजों को आंतों की सूजन संबंधी बीमारी (आईबीडी) के विकास के लिए सावधानी से देखने की जरूरत है। माइग्रेन एक तंत्रिका संबंधी विकार है जो किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है। माइग्रेन के कारणों पर अभी भी शोध चल रहा है, लेकिन कई कारक इसे ट्रिगर कर सकते हैं। हाल ही के एक अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन के मरीजों को आंतों की गंभीर बीमारी (आईबीडी) होने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए, डॉक्टरों को ऐसे मरीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 

माइग्रेन क्या है?
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है। यह दर्द अक्सर धड़कता हुआ महसूस होता है और रोजमर्रा की जिÞंदगी को बहुत प्रभावित कर सकता है। माइग्रेन के कारणों पर अभी भी शोध किया जा रहा है, लेकिन तनाव, खान-पान, हार्मोनल बदलाव आदि इसके कुछ प्रमुख कारक हो सकते हैं।

अध्ययन क्या कहता है?
दक्षिण कोरिया में किए गए इस अध्ययन में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा शामिल था। 
शोधकर्ताओं ने पाया कि: माइग्रेन के मरीजों में आंतों की बीमारी (आईबीडी) होने का खतरा 1.3 गुना ज्यादा था।
खासतौर पर, माइग्रेन के पांच साल बाद आंतों की बीमारी का जोखिम और बढ़ जाता है।
पुरुषों में माइग्रेन के साथ आंतों की बीमारी (यूसी) होने का खतरा ज्यादा होता है।
माइग्रेन के अलावा, इन मरीजों में किडनी की बीमारी, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी ज्यादा देखी गई।

अगर आपको माइग्रेन है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। डॉक्टर आपकी जांच कर सकते हैं और आंतों की बीमारी का खतरा कम करने के लिए उपाय सुझा सकते हैं।

अहम बातें:
माइग्रेन और आंतों की बीमारी के बीच का संबंध अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
इस अध्ययन के नतीजे भविष्य में होने वाले शोध के लिए आधार तैयार कर सकते हैं।
अगर आपको माइग्रेन है या आंतों की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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