स्वामी रामभद्राचार्य जी 15 फरवरी से 23 फरवरी तक सुनायेंगे श्री राम कथा
14 फरवरी को निकली जायेगे कलश यात्रा
भिलाई-श्री राम कथा सुनायेंगे कथा वाचक पद्मविभूषण जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज एवं 1008 कुंडीय श्री श्री हनुमत महायज्ञ का आयोजन भी उन्ही के दिव्य सानिध्य में 15 फरवरी 2024 से 23 फरवरी 2024 तक जयंती स्टेडियम भिलाई में संपन्न होने जा रहा है.इसके आयोजक माता कौशल्या मानस प्रचारिणी सभा भिलाई एवं आश्रम राम मिलेंगे,तेंदुआ धाम,शिवरीनारायण छ.ग.है.इस आयोजन के संयोजक एवं सह सरंक्षक दुर्ग सांसद विजय बघेल है.
पत्रकार वार्ता में सांसद विजय बघेल एवं समिति के अध्यक्ष मनीष सिंह गौर ने बतया कि कार्यक्रम का आरम्भ 14 फरवारी 2024 से होगा.उस दिन काशी के विद्वान आचार्यो के द्वारा सनातन विधि एवं शास्त्रोक्त विधि विधान से श्री सिद्धि प्रदाता गणेश व हनुमत पूजन दोपहर 2 बजे से 2.15 बजे तक सेक्टर 05 गणेश जी के मंदिर में होगा.उसके बाद दोपहर 2.15 बजे माताओं बहिनों द्वारा दिव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी.जो सेक्टर 05 स्थित सिद्ध गणेशजी के मंदिर से आरम्भ होकर जयंती स्टेडियम में यज्ञ स्थल-राम कथा मंच पर समाप्त होगी.जो माताएं,बहिनें दिव्य कलश यात्रा में शामिल होना चाहती है वे अपने नाम कार्यालय में संपर्क कर 10 फरवरी तक लिखवा सकती है.
इसी तरह 1008 कुंडीय श्री श्री हनुमत महायज्ञ प्रातः 09 बजे से दोपहर 01 बजे तक प्रतिदिन स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज एवं बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी पाटेश्वर धाम,जो महायज्ञ संचालक भी हैं के सानिध्य में सम्पन्न होगा.इस यज्ञ में भाग लेने वाले भक्त जयंती स्टेडियम पहुँच कर अपने हवन कुंड बुक करवा सकते हैं.यज्ञ में भाग लेने वालो के लिए 9 दिन के लिए सहयोग राशि 21000 रूपये एवं एक दिन के लिए सहयोग राशी 3100 रूपये निर्धारित की गयी है.
श्री राम कथा प्रतिदिन दोपहर 2.30 बजे से संध्या 06.30 बजे तक स्वामी रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से होगी.गुरुदेव के द्वारा दिए गये शास्त्र सम्मत साक्ष्यो से ही पिछले 500 वर्षों से उलझा राम जन्म भूमि का प्रकरण सुलझ पाया.उन्होंने शास्त्र सम्मत 441 प्रमाण दिए जिसमे से 437 स्पष्ट दृश्य एवं शेष 4 साक्ष्य समय के साथ धूमिल पाए गये.मुस्लिम जज ने उनकी दी गयी गवाही के आधार पर उनके अन्दर दैवीय शक्ति होने की बात कही थी.
गुरुदेव जी ने दो माह की आयु में ही आँखे गवां दी थीं उसके बाद भी वे 22 से अधिक भाषाओ के ज्ञाता हैं.उन्हें अनगिनित शास्त्र,सभी वेद पुराण,श्री मद भगवत गीता,श्री रामचरित मानस एवं अनेकों ग्रन्थ पृष्ठ संख्या एवं श्लोक क्रमांक सहित कंठस्थ हैं.गुरुदेव के मष्तिष्क के ऊपर विश्व के अनेक विश्वविद्यालय शोध कर रहे है.जब गुरुदेव अयोध्या में थे तभी उन्होंने संसद विजय बघेल को चर्चा के दौरान मोबाइल पर कहा था “क्यों कि रामलला ने छत्तीसगढ़ के चांवल का प्रथम भोग ग्रहण किया है,इसीलिए मैं छत्तीसगढ़ की पावन धरा में श्री राम कथा अवश्य कहूँगा.”