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राजनीति

मार्च में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव

भोपाल.
अप्रैल में रिक्त होने जा रही राज्यसभा की मध्य प्रदेश से पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों की दावेदारी सामने आने लगी है। कोई सार्वजनिक मंच पर तो कोई अपने करीबी बड़े नेताओं के माध्यम से राज्यसभा में पहुंचने की जुगत भिड़ा रहा है। रिक्त होने वाली सीटों में अभी चार भाजपा और एक कांग्रेस के पास है। विधानसभा में दोनों दलों के सदस्यों की संख्या के आधार पर भी इनमें चार सीटें भाजपा और एक कांग्रेस को मिलेगी। इन सीटों के लिए चुनाव मार्च में होंगे। दोनों दल अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार का चयन करेंगे।

उम्मीदवारों की तलाश
बता दें, राज्यसभा में प्रदेश की 11 सीटों में से तीन कांग्रेस व आठ भाजपा के पास हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए दोनों दल ऐसे उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं जिनसे पार्टी को चुनाव में लाभ मिले। उधर, इस बात की भी पूरी कोशिश है प्रत्याशी चयन के बाद कोई जनप्रतिनिधि या वर्ग नाराज नहीं होने पाए। इस कारण सबसे अधिक जोर जातिगत और फिर क्षेत्रीय समीकरणों पर रहेगा।

भाजपा विधानसभा चुनाव में पराजित या फिर नाराज नेताओं को भी मौका दे सकती है। साथ ही एक या दो सीटों पर नया चेहरा सामने ला सकती है। इसके पहले भी पार्टी ने ऐसे ही चेहरे राज्यसभा में भेजे हैं। बड़वानी के एक कालेज में प्राध्यापक सुमेर सिंह सोलंकी और इससे पहले संपतिया उइके को राज्यसभा में भेजा था। भाजपा राज्यसभा के कुछ सदस्यों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम चल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए भी उम्मीदवार चुना जाएगा।

कांग्रेस एससी मोर्चा ने भाजपा का उदाहरण देते हुए मांगी सीट
मध्य प्रदेश से राज्यसभा में सदस्य भेजने के लिए कांग्रेस अनुसूचित जाति (एससी) विभाग के सम्मेलन में इस सीट पर एससी वर्ग के उम्मीदवार को भेजने की मांग उठी। विभाग के राष्ट्रीय संयोजक हेमंत नरवरे ने कहा कि भाजपा ने एससी वर्ग की सुमित्रा बाल्मीक को राज्यसभा में भेजा। कांग्रेस को भी एससी नेतृत्व विकसित करने के लिए अगले चुनाव में राज्यसभा के लिए एससी उम्मीदवार को आगे लाना चाहिए। इस वर्ग में प्रदेश कांग्रेस अजा विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और विजयलक्ष्मी साधौ दावेदार हैं। इसके अलावा ओबीसी में जीतू पटवारी और अरुण यादव के नाम भी चर्चा में हैं।

इनका कार्यकाल हो रहा खत्म
भाजपा से अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, धर्मेंद्र प्रधान और डा. एल मुरुगन का।
कांग्रेस से राजमणि पटेल का।

39 विधायकों से चुना जाएगा राज्यसभा का एक सदस्य
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं। पांच सीटों के लिए चुनाव होने हैं। निर्धारित फार्मूला के अनुसार 39 विधायक एक सदस्य को चुनेंगे। भाजपा के पास 163 विधायक हैं। इस हिसाब से चार सीटें उसे निर्विरोध मिल जाएंगी। इसी तरह से कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं। यानी उसे एक सीट ही मिल पाएगी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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