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1 करोड़ से सदर मंजिल का रिनोवेशन, इधर ताजमहल हो रहा खंडहर

 भोपाल

राजधानी में हैरिटेज इमारतों के संरक्षण का भी अजीब खेल चल रहा है। पुराने शहर में एक तरफ सदर मंजिल को एक करोड़ से रिनोवेट किया जा रहा है लेकिन इधर खंडहर होते ताजमहल और शीश महल को बचाने की कोई कवायद नहीं की जा रही है। अगर ऐसा ही रहा तो जल्द ही शीश महल का भी नामोनिशान मिट जाएगा।

इस मामले में पुरातत्व विभाग की तरफ से भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।  हैरत की बात तो यह है कि हैरिटेज इमारतों को सहेजने के लिये निगम के हैरिटेज सेल की भी अभी तक कोई समीक्षा नहीं की गयी है। सदर मंजिल को अब तैयार कर किसी बड़ी कंपनी को हैरिटेज होटल के लिये दिये जाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले भोपाल की एक और पुरानी इमारत ताज महल को हैरिटेज होटल बनाने का प्रयास किया गया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था।

ताजमहल और शीश महल को संवारना भूले
राजधानी में पुरातत्व धरोहर ताजमहल,  मोती महल और शीश महल पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है। हैरत की बात तो यह है कि दो साल से भी अधिक पुरानी इस इमारत को पर्यटन और नई पीढ़ी के लिये सहेज कर रखना था लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया है। हालत यह है कि मोती महल में अब निजी दुकानों का बोलबाला है । यह ऊपर से भले ही खंडहर हो रहा हो लेकिन नीचे से इसको स्थानीय स्तर पर लोग दुकानों में कन्वर्ट करने में लगे हैं। 

कम से कम मोती महल की साफ-सफाई की तरफ पुरात्तत्व विभाग को ध्यान देना चाहिए। वर्तमान में इसके परिसर में बड़ी संख्या में वाहनों की पार्किंग हो रही है। आगे का हिस्सा ओर गिरा तो नीचे खड़े वाहन छतिग्रस्त हो सकते हैं। बताया गया कि तीन साल पहले बारिश का पानी बैठने से मोती महल के आगे का हिस्सा धराशायी हो गया था। उसके बाद यह जर्जर की श्रेणी में आ गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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