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दाल और दलहन उद्योगों की नई तकनीकों और मशीनों को लेकर विदेश की तमाम कंपनियां अगले सप्ताह आ रही इंदौर

इंदौर
दाल और दलहन उद्योगों की नई तकनीकों और मशीनों को लेकर विदेश की तमाम कंपनियां अगले सप्ताह इंदौर आ रही हैं। आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा दाल मिलों की नवीन तकनीकों को लेकर प्रदर्शनी शहर में आयोजित की जाएगी। उम्मीद है कि देशभर से 2000 से ज्यादा दाल मिलर्स एवं दलहन और खाद्यान्न व्यापारी प्रतिदिन प्रदर्शनी में सम्मिलित होंगे। औद्योगिक उत्पादन और आटोमेशन के लिए अमेरिका, जापान, कनाडा, जर्मनी, टर्की, स्पेन, चीन और कोरिया के अतिरिक्त अन्य देशों से विशेषज्ञ भी इस प्रदर्शनी में आ रहे हैं। आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल व उपाध्यक्ष अनिल सुरेका और सुभाष गुप्ता तथा सचिव दिनेश अग्रवाल बताया कि संस्था द्वारा इंदौर में तीन दिवसीय महाकुंभ 2 से 4 फरवरी तक बायपास के श्री स्वामीनारायण मंदिर परिसर मुंडला नायता में आयोजित किया जाएगा। यह महाकुंभ दाल मिलों की आधुनिक व नई टेक्नोलाजी की मशीनों और मशीनरी पार्ट्स तथा नवीनतम कलर सार्टेक्स मशीनों पर आधारित होगा।

इंदौर में दालों की 175 से ज्यादा इंडस्ट्रीज
इंदौर में ही दालों की लगभग 175 से ज्यादा इंडस्ट्रीज कार्यरत हैं। यही वजह है कि दाल इंडस्ट्रीज से संबंधित इस एक्जीबिशन का आयोजन इंदौर में चौथी बार होने जा रहा है। प्रदर्शनी में आने वाली कंपनियों में कोरिया की एटीएस इंटरनेशनल, सटाके जापान, ड्रीम्स कलर शॉर्टर, मेयर कलर सार्टर एवं पिंगल ग्रुप चीन, सिमगा सिलास स्पेन, लंबटन कनवेयर्स कनाडा, सेलिस मकिना इंडस्ट्री वे टाईकेरट तुर्किए के साथ ही भारत के अलग-अलग राज्यों की 100 से अधिक कंपनियां भी आएंगी। तकनीक से परिचित होने के लिए देशभर के मिलर्स इंदौर में आकर इस प्रदर्शनी को देखेंगे।

सरकारी नीतियों पर होगी चर्चा
एसोसिएशन के साथ इस कार्यक्रम में भाग लेने आ रहे दाल इंडस्ट्रीज के अनेक दिग्गज दाल मिलर्स ताजा मसलों पर चर्चा भी करेंगे। प्रदर्शनी के साथ एसोसिएशन तकनीकी सत्रों का आयोजन कर रहा है। इसमें दाल व फूड प्रोसेसिंग उद्योगों से जुड़ी नीतियों व मौजूदा दौर के विषयों पर बात होगी। वर्तमान पर चर्चा के साथ भविष्य को लेकर भी रूपरेखा बनाई जाएगी। तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञ व उद्योगपति वर्तमान में देश में कच्चे माल की उपलब्धता एवं कमी, जीएसटी के प्रभाव, पैकेजिंग की चुनौतियां और अन्य सरकारी नीतियां और उनके निराकरण के लिए केन्द्र सरकार एवं संबंधित राज्य सरकारों के समक्ष उन्हें संगठन के माध्यम से प्रस्तुत करने संबंधी विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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