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हाईकोर्ट ने मंदसौर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को जमकर लताड़ लगाई, जाने क्या है मामला

मंदसौर

हाईकोर्ट ने मंदसौर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को जमकर लताड़ लगाई है। एक मामले में 13 साल से लापरवाही बरती गई। सिविल कोर्ट के निर्णय के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया, जबकि इसकी शिकायत सीएम तक की गई थी। इसके बाद भी प्रशासन कोर्ट के आदेश को मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। यहां हाईकोर्ट ने कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को जमकर लताड़ लगाई। एक लाख का जुर्माना और कोर्ट में आकर माफी मांगने का आदेश दिया है।

इस मामले में अभिभाषक मुकेश माली ने जानकारी देते हुए बताया की मुल्तानपुरा में चारभुजानाथ मंदिर स्थित है, जिसको प्रशासन अपना बता रहा था। मामला सिविल कोर्ट में गया। इसके बाद कोर्ट ने इसे प्रशासन का मंदिर नहीं मानते हुए निजी बताया। इस संबंध में आदेश भी जारी कर फरियादी के पक्ष में फैसला सुनाया।

ये फैसला 2011 में कोर्ट ने सुनाया गया। इसके बाद कितने ही कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार आए, लेकिन किसी ने कोर्ट के आदेश को नहीं माना। इस मामले में अभिभाषक मुकेश माली ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में कंटेन भी लिखा। हमने सीएम हेल्पलाइन से लेकर सीएम सहित कई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। इसके बाद भी प्रशासन इस मामले में कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा था। इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां हाईकोर्ट ने फरियादी पक्ष को सुना।

न्यायाधीश विवेक रुसिया की अदालत ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इतने सालों तक कोर्ट का आदेश नहीं मानने का कारण प्रशासन के वकील से पूछा। कोर्ट ने सख्त लहजा अपनाते हुए कलेक्टर, तहसीलदार और एसडीएम पर एक लाख का जुर्माना लगाया। वहीं कोर्ट में पेश होकर माफी मांगने के आदेश दिए। इस मामले में फरियादी पक्ष को न्याय दिलाने में अभिभाषक मुकेश माली की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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