रोज़गार के लिये युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने का संकल्प
रोज़गार के लिये युवाओं को कौशल सम्पन्न बनाने का संकल्प
भोपाल
प्रदेश के हर युवा को कौशल सम्पन्न बनाकर रोज़गार प्राप्त करने योग्य बनाने के लिये राज्य सरकार ने बदलते परिदृश्य के अनुरूप रणनीतियों में बदलाव किया है। प्रत्येक युवा प्रतिभावान है। ऊर्जा और क्षमता से भरपूर है। उनकी शक्ति का उपयोग प्रदेश के विकास में तभी किया जा सकता है जब वे पूरी क्षमता और प्रतिभा के साथ कौशल सम्पन्न बनें। हर युवा के हाथ में हुनर हो और वे स्वयं के साथ-साथ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने योगदान दे सके। इस लक्ष्य के साथ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के माध्यम से उदयोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए उनका बेहतर कौशल उन्नयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल के मार्गदर्शन में "कौशल युक्त- बेरोजगार मुक्त” प्रदेश बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रोजगार मेलों के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। हाल ही में 22 नवीन आईटीआई स्वीकृत किये गये हैं।
बारह जिलों में 22 विकासखण्डों में नवीन शासकीय आईटीआई जल्दी ही खोले जायेंगे। अब आईटीआई की संख्या 290 हो गयी है। नवीन 22 आईटीआई के शुरू होने पर 5 हजार 280 अतिरिक्त बच्चों को प्रशिक्षण मिल सकेगा। भारत सरकार की "वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित 48 जिलों में कौशल उन्नयन" योजना में मण्डला जिले के विकासखंड मवई में एक आईटीआई स्वीकृत किया गया है।
भारत सरकार की ग्रेडिंग में उल्लेखनीय उपलब्धि
प्रशिक्षण महानिदेशालय, भारत सरकार के द्वारा जारी ग्रेडिंग स्कोर में प्रदेश की 8 आईटीआई ने 10 में से 9+, 35 आईटीआई ने 8+, 87 ने 7+, 138 ने 6+, 208 ने 5+ एवं 232 आईटीआई ने 4+ ग्रेडिंग स्कोर प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में सर्वोच्च ग्रेडिंग प्राप्त शासकीय आईटीआई रहटगांव एवं हरदा ने 10 में से 9.20 ग्रेडिंग स्कोर प्राप्त किया है।
ग्लोबल स्किल पार्क में प्रतिवतर्ष 6000 युवाओं को प्रशिक्षण
विकसित भारत संकल्प अनुसार प्रदेश में तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए प्रदेश के युवाओं, महिलाओं एवं समाज के सभी वर्गों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का तकनीकी एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शासन द्वारा ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्थापना की गई है। साथ ही रीवा, सागर, ग्वा्लियर एवं जबलपुर में भी ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्वीकृति दी जा चुकी है।
भोपाल में 36 एकड़ में बने ग्लोबल स्किल्स पार्क में छात्रों के रहने के लिये सर्वसुविधायुक्त छात्रावास भी है। कुल 600 छात्रों एवं 600 छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा 216 प्रशिक्षकों को भी तमाम सुविधाओं के साथ रहने हेतु हॉस्टल रूम्स आवंटित किये जाएंगे। इस पार्क के माध्यम से प्रतिवर्ष 6000 युवाओं को विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। पार्क में साइबर एण्ड नेटवर्क सिक्योरिटी, एनीमेशन मोशन ग्राफिक्स और गेमिंग टेक्नोलॉजी सहित नवीनतम तकनीकों से संबंधी प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे युवाओं को तुरंत रोजगार मिल सके। बेहतर प्रशिक्षण के लिये आईटीआई दिल्ली, आईटीआई इंदौर, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से एग्रीमेंट किये गये हैं।
पी.एम. विश्वकर्मा योजना
पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता देने के लिये पी.एम. विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है। योजना में टूल किट खरीदने के लिये 15 हजार रूपये का अनुदान मिलेगा। साथ ही पहली बार में एक लाख और दूसरी बार में 2 लाख रूपये का सस्ता ऋण मिलेगा। प्रारंभिक प्रशिक्षण 5 से 7 दिन का और 15 दिन का एडवांस प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन भत्ता भी मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेट भी मिलेगा। प्रशिक्षण के लिये हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया जारी है। एक परिवार से एक ही को लाभ मिलेगा।
योजना में कारीगर बढ़ई, सुनार, गुडिया और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, कुम्हार, नाई, अस्त्रकार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), माला निर्माता (मालाकार), लोहार, मोची (चर्मकार)/ जूता कारीगर, धोबी, हथौड़ा, टूल किट निर्माता, राजमिस्त्री, दजी, ताला बनाने वाला, टोकरी, चटाई, झाडू निर्माता कॉयर बुनकर और मछली पकड़ने का जाल निर्माता शामिल है।
आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओं को प्रशिक्षण
मध्यप्रदेश में संकल्प योजनार्न्गत यूएन-वूमेन एवं मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के बीच आदिवासी बहुल जिलों में बालिकाओं को तकनीकी शिक्षा देने के उद्देश्य से एमओयू हुआ। इसका लक्ष्य बालाघाट, मंडला, डिण्डौरी और छिंदवाड़ा सहित 12 आदिवासी बहुल जिलों में एक हजार बालिकाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिलेगा।
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना
राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में "आन द जाब ट्रेनिंग" की सुविधा देने के लिये "मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना" लागू की गई है। इस योजना में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। यह देश की सबसे वृहद एवं व्यापक "आन द जाब ट्रेनिंग" योजना है। योजना में 10 हजार 522 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसमें 21 हजार 660 प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं।
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से 29 वर्ष के युवा पात्र होंगे हैं, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हैं तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है। योजना के तहत चयनित युवा को "छात्र-प्रशिक्षणार्थी" कहा जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 8000 से 10000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। 12वीं पास को 8000 रूपये, आईटीआई पास को 8500 रूपये, डिप्लोमा पास को 9000 रूपये तथा स्नातक एवं उच्च योग्यता धारक को 10000 रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जा रहा है। प्रशिक्षण उपरान्त इन्हें प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।