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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

एकलव्य शिक्षा विकास योजना से वंचित 25 जिलों के फड़मुंशी, समिति प्रबंधकों के बच्चे

भोपाल

प्रदेश के 25 जिलों में फड़मुंशियों, प्राथमिक वनोपज समितियों के प्रबंधकों के बच्चों को एकलव्य शिक्षा विकास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिछले पांच सालों केवल तीस जिलों के 860 बच्चों को नि:शुल्क तकनीकी शिक्षा का लाभ मिला है। वहीं 1925 को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिला है। कक्षा नौवी से कक्षा 12 तक की नि:शुल्क शिक्षा का लाभ प्रदेश के 7392 बच्चों को मिला है।

इस योजना के तहत वर्ष 21-22 में सर्वाधिक 2739 बच्चों को इस योजना का लाभ मिला है। चालू वर्ष में सबसे कम केवल 497 बच्चों को इसका लाभ मिल पाया है। फिलहाल प्रदेश के केवल तीस जिलो में ही फड़ मुंशी और समिति प्रबंधकों के बच्चों को योजना का लाभ मिल रहा है। इसमें श्योपुर, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, देवास, इंदौर, बड़वानी, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, रायसेन, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल , बालाघाट कटनी, जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा जिले के बच्चों को ही योजना का लाभ मिल पा रहा है।

सीधी-देवास अव्वल
सीधी जिले के सर्वाधिक 56 फड़मुशियों के बच्चों को इस योजना का लाभ मिला है। वहीं समिति प्रबंधकों के बच्चों को इस योजना का लाभ देने में देवास जिला अव्वल है। यहां के 96 बच्चों को इस योजना का लाभ मिला है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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