पाकिस्तान के चुनाव परिणामों पर करीब से नजर रख रहे हैं : अमेरिका
पाकिस्तान के चुनाव परिणामों पर करीब से नजर रख रहे हैं : अमेरिका
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने चीन-तिब्बत विवाद विधेयक को मंजूरी दी
रूस का उपग्रह रोधी परमाणु क्षमता विकसित करना 'चिंताजनक' : व्हाइट हाउस
वाशिंगटन
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह पाकिस्तान में हाल में हुए आम चुनाव के दौरान मतदाताओं को डराने-धमकाने और दमन की खबरों को लेकर चिंतित है और स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने संवादददाताओं से कहा, '' हम चिंतित हैं और पाकिस्तान से मिल रहीं डराने धमकाने, मतदाताओं के दमन और इसी प्रकार की अन्य खबरों पर अपनी चिताएं साझा करते हैं और इस पर करीब से नजर रख रहे हैं।''
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा,'' मतों की गिनती अब भी जारी है, अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ता अब भी मतगणना पर नजर बनाए हुए हैं…।''
भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने विदेश मंत्रालय से विजेता को मान्यता देने में देरी करने का आग्रह किया है। कृष्णमूर्ति चीन मामले पर एक समिति के सह-अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने सदन में कहा, '' मैं उन खबरों को लेकर बेहद चिंतित हूं जिनमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना बृहस्पतिवार को हुए चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए वोट में हेराफेरी कर रही है और हिंसा को बढ़ावा दे रही है।''
उन्होंने कहा, '' पाकिस्तान के चुनाव के परिणाम वहां की जनता की इच्छा को परिलक्षित करने वाले होने चाहिए न कि सेना के। यह सुनिश्चित करने की सख्त जरूरत है कि हर वोट की गिनती निष्पक्ष और सटीक हो तथा हिंसा रुके।''
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने चीन-तिब्बत विवाद विधेयक को मंजूरी दी
वाशिंगटन
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिससे काफी समय से लंबित तिब्बत-चीन विवाद को तिब्बती नेताओं के साथ वार्ता के जरिए सुलझाने को लेकर चीन सरकार पर दबाव बनाने के अमेरिका के प्रयासों को बल मिलेगा।
‘तिब्बत-चीन विवाद अधिनियम के समाधान पर जोर’ अधिनियम का उद्देश्य दलाई लामा के दूतों या तिब्बती लोगों के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए चीनी सरकार पर दबाव डालना है, जो 2010 से रुकी हुई है। इसे तिब्बत समाधान अधिनियम नाम भी दिया गया है।
सांसदों जिम मैकगवर्न और माइकल मैककॉल द्वारा प्रस्तुत विधेयक में चीन के इस दावे को गलत बताया गया है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है। यह विधेयक विदेश मंत्रालय को तिब्बती इतिहास, लोगों और संस्थानों के बारे में चीन के दुष्प्रचार का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का अधिकार देता है। इसी तरह का एक विधेयक सांसद जेफ मर्कले और टॉड यंग ने पेश किया था।
मैकगवर्न ने कहा, "यह विधेयक तिब्बती लोगों के अधिकारों को मान्यता देने से संबंधित है। इसमें तिब्बत तथा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच विवाद को बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत के माध्यम से, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से हल करने पर जोर दिया गया है। ऐसा करने का अवसर अब भी है, लेकिन समय ख़त्म होता जा रहा है।”
रूस का उपग्रह रोधी परमाणु क्षमता विकसित करना 'चिंताजनक' : व्हाइट हाउस
वाशिंगटन
रूस द्वारा उपग्रह रोधी परमाणु क्षमता विकसित करना 'परेशान करने वाला' है लेकिन यह किसी की भी सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है क्योंकि इसे अभी अमल में नहीं लाया गया है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।
यहां व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने बताया, ”यह क्षमता सक्रिय नहीं है हालांकि रूस द्वारा इस विशिष्ट क्षमता को विकसित करना परेशान करने वाला है लेकिन तत्काल प्रभाव से यह किसी की भी सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है।”
उन्होंने कहा, ”हम किसी एक हथियार के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, जिसे इंसानों पर हमले या फिर पृथ्वी पर तबाही मचाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हम रूसी गतिविधियों पर करीब से नजर रखे हुए हैं और हम इसे गंभीरता से लेते रहेंगे।”
किर्बी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा दल को नियमित रूप से जानकारी दी जा रही है।
किर्बी ने एक के बाद एक पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा, ”उन्होंने (बाइडन) शुरुआत में ही कई निर्देश दिये हैं, जिसमें सांसदों को जानकारी देना, हमारे सहयोगियों और हमारे साझेदारों के साथ-साथ रूस से सीधे राजनयिक जुड़ाव जैसी चीजें शामिल हैं।”
एक दिन पहले, 'हाउस इंटेलिजेंस कमेटी' के अध्यक्ष माइक टर्नर ने बाइडन प्रशासन से खतरे का विवरण सार्वजनिक करने का आग्रह किया था।