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राजनीति

क्‍या गांधी परिवार अमेठी रायबरेली छोड़ रहा है? सोनिया, राहुल के बाद प्रियंका भी बना रही हैं दूरी

रायबरेली
 यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। लोकसभा (Lok Sabha Election) चुनाव से ऐन पहले हुए इस समझौते के तहत 17 सीटों पर कांग्रेस उम्‍मीदवार उतारने पर सहमति हुई है। चर्चा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के हस्‍तक्षेप के बाद अखिलेश यादव इस गठबंधन के लिए माने हैं। इन 17 सीटों में अमेठी और रायबरेली हैं। ये दोनों ही सीटें कांग्रेस के हाइकमान गांधी परिवार के पारंपरिक संसदीय क्षेत्र हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का ही कोई सदस्‍य खड़ा होगा या फिर यह सीट गांधी परिवार के बाहर किसी उम्‍मीदवार को दी जाएगी।

यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्‍योंकि जब से लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू हुई हैं तब से गांधी परिवार ने इन दोनों जगहों से दूरी सी बनाई हुई है। सोनिया गांधी ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय राजयसभा में जाने का फैसला लिया है। राहुल गांधी जरूर भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा लेकर अमेठी और रायबरेली से गुजरे लेकिन उन्‍होंने इस क्षेत्र की जनता से कनेक्‍ट करने की जरा भी कोशिश नहीं की।

एकमात्र उम्‍मीद प्रियंका गांधी से

ऐसे में एकमात्र उम्‍मीद प्रियंका गांधी से है। उनमें रायबरेली और अमेठी की जनता को इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। रायबरेली यूपी की इकलौती ऐसी सीट थी जहां साल 2019 में कांग्रेस को जीत मिली थी। अब चूंकि वहां से सोनिया इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी तो कयास थे कि प्रियंका गांधी इस पारंपरिक सीट पर दिखाई देंगी। प्रियंका अमेठी और रायबरेली दोनों जगह काफी एक्टिव भी रही हैं।

हिचक रहीं हैं प्रियंका

सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के राज्‍यसभा जाने के फैसले के बाद प्रियंका को मनाने की कोशिशें की गईं कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ें। लेकिन प्रियंका इसके लिए राजी होती नहीं दिख रही हैं। रही बात अमेठी की तो वहां से राहुल 2019 में हर गए थे। इसके बाद वह वायनाड चले गए और इस बार भी वहां से हटने को राजी नहीं दिखते। प्रियंका इस हारी हुई सीट पर लड़ने के कतई मूड में नहीं हैं। पर इससे बढ़कर बात यह कि प्र‍ियंका रायबरेली से भी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यूपी में कांग्रेस के संगठन में वह दम नहीं दिखाई दे रहा जो उन्‍हें रायबरेली से शत प्रतिशत जीत की गारंटी दे सके।
इन हालात में यह माना जा रहा कि कांग्रेस की इन पारंपरिक सीटों पर इस बार गैर गांधी कांग्रेसी उम्‍मीदवार दिखाई देगा। लेकिन राजनीतिक व‍िश्‍लेषकों का मानना है कि अगर अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार ने मुंह फेर लिया तो शायद यूपी में कांग्रेस का खाता ही न खुल सके।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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