RO.NO. 13207/103
धार्मिक

17 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा व्रत, जाने मुहूर्त, पूजा-विधि

हर महीने पूर्णिमा तिथि पड़ती है, जिसका व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन पूरे-विधि विधान से माता की पूजा करने से घर में संपन्नता आती है।

इस महीने की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा के नाम से जाना जाएगा। उदया तिथि के चलते 17 अक्टूबर के दिन पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी मां की पूजा-उपासना करने से घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य भी दिया जाता है।

आश्विन पूर्णिमा पूजा-विधि

  • पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
  • भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें
  • माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
  • अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
  • मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
  • संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
  • आश्विन पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें
  • श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
  • पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
  • माता को खीर का भोग लगाएं
  • चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें

अंत में क्षमा प्रार्थना करें
मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः

17 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा व्रत
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 16, 2024 को 20:40 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – अक्टूबर 17, 2024 को 16:55 बजे
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – शाम 05:41 बजे

आश्विन पूर्णिमा का महत्व
आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान स्नान और दान करने का खास महत्व है। आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आश्विन पूर्णिमा के दिन चंद्र देव और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है। इसलिए आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किया जाता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button