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राजनीति

लोकसभा चुनाव से पहले इधर से उधर हुए ये 10 दिग्गज, बड़े नेताओं ने थामा भाजपा का हाथ

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी समेत कई पॉलिटिकल पार्टी के बड़े नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। 2019 के आम चुनाव में जहां 'मोदी की लहर' को देखते हुए कई नेताओं ने अपना पाला बदला था, वहीं इस बार कई नेता इस चुनाव को 'मोदी की आंधी'बताते हुए बीजेपी में शामिल हो गए हैं। आइए जानते हैं आम चुनाव 2024 से पहले किन नेताओं ने थामा भाजपा और अन्य पार्टियों का दामन।

गीता कोड़ा
झारखंड के सिंहभूम से कांग्रेस सांसद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा आज 26 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। गीता कोड़ा 2018 में कांग्रेस में शामिल हुईं। गीता कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक भी रहीं हैं। इससे पहले वह जय भारत समानता पार्टी की सदस्य थीं, जिसकी स्थापना उनके पति मधु कोड़ा ने 2009 में की थी। गीता कोड़ा जय भारत समानता पार्टी की एकमात्र विधायक थीं, क्योंकि उन्होंने 2009 के झारखंड विधानसभा चुनावों में जगनाथपुर निर्वाचन क्षेत्र जीता था। हालांकि नवंबर 2018 में पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया था।

एस विजयधरानी
तमिलनाडु कांग्रेस से विधायक रहीं एस विजयधरानी 24 फरवरी को शामिल हो गईं। वह 2021 से कन्याकुमारी जिले के विल्वनकोड निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रही हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जब नेतृत्व की बात आती है तो महिलाओं को वो सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए। कांग्रेस पार्टी में महिलाओं के लिए कोई मंच नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी कानून लाए और जल्द ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करेंगे। उन्होंने तीन तलाक को खत्म किया और मुस्लिम महिलाओं को संपत्ति पर समान अधिकार दिलाया। मुस्लिम महिलाएं सिर्फ बीजेपी को वोट देंगी।

देबासिस नायक
ओडिशा के पूर्व मंत्री और बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता देबासिस नायक ने 25 फरवरी को बीजेडी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही देबासिस नायक भाजपा में शामिल हो गए। देबासिस नायक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के काफी भरोसेमंद सहयोगियों में से एक थे। देबासिस नायक 2000, 2004, 2009 और 2014 में जाजपुर जिले के बारी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे हैं।

अशोक चव्हाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री रहे चव्हाण ने इस महीने की शुरुआत में भाजपा में शामिल हो गए। अशोक चव्हाण औरंगाबाद के रहने वाले हैं। अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के बेटे हैं। अशोक चव्हाण की पत्नी अमिता भी विधायक हैं। अशोक चव्हाण ने 1986 में कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। अशोक चव्हाण 1987-89 में नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सांसद बनें।

छगन भुजबल
छगन भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र में एक मजबूत ओबीसी चेहरा रहे हैं। हाल ही में NCP के दो भागों (शरद पवार और अजित पवार) में बटने के बाद छगन भुजबल ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के साथ जाने का फैसला किया। छगन भुजबल 1999 से 2003 तक महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले वह महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री और गृह मामलों के मंत्री रहे हैं।

बाबा सिद्दीकी
महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल बाबा सिद्दीकी ने हाल ही में एनसीपी ज्वॉइन करके काग्रेस को बड़ा झटका दिया। बाबा सिद्दीकी अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए। बाबा सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा से तीन बार विधायक रहे हैं। एनसीपी में शामिल होने के बाद बाबा ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में परसेप्शन की राजनीति होती है, इसलिए मुझे इसे छोड़ना पड़ा। मैं खुली किताब हूं और मैं खानदानी आदमी हूं। मैं किसी की बुराई नहीं करना चाहता।

मिलिंद देवड़ा
हाल में महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए। महज 27 साल की उम्र में सांसद बने मिलिंद देवड़ा ने 2004 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी जयवंतीबेन मेहता को दस हजार वोटों से हराया था। इसके बाद 2009 में मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर भी मिलिंद देवड़ा का कब्जा रहा। ऐसी चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया
मिलिंद देवड़ा से पहले राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई विधायकों के साथ 2020 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। इनके कांग्रेस छोड़ते ही 15 महीने में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। एमपी की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस से जाना काफी चौंकाने वाला कदम था।
 

जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद 2021 में ही कांग्रेस से अपना बरसों पुराना नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले उनका काग्रेस से जाना पार्टी के लिए काफी बड़ा झटका था। वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में मंत्री रहे। जितिन प्रसाद यूपी की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

दिगंबर कामत
गोवा के पूर्व सीएम दिगंबर कामत और विपक्ष के नेता माइकल लोबो समेत आठ कांग्रेस विधायकों ने 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा में शामिल होने के बाद दिगंबर कामत ने कहा था कि उन्होंने इसके लिए भगवान से परमिशन ली थी। उनका यह बयान काफी चर्चा में भी रहा।

बता दें कि इनके अलावा भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं में यूपी के पूर्व बसपा सांसद नरेंद्र कुमार सिंह कुशवाह, पूर्व सपा सांसद बनवारी लाल कंछल, पूर्व सपा एमएलसी कुंवर वीरेंद्र प्रताप सिंह, रालोद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह आदि शामिल हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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