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पिता को मुखाग्नि देने बेटा बन गईं 9 बेटियां, फफक कर रो पड़े देखने वाले

सागर
पुलिस की नौकरी से सेवानिवृत्त एक एएसआई के निधन के बाद उनकी बेटियों ने बेटे की तरह अपना फर्ज निभाया। अंतिम संस्कार में 9 बेटियों ने एक साथ उन्हें हिन्दू रीति-रिवाज से मुखाग्नि दी है। दरअसल मृतक की नौ बेटियां ही थी, उनको कोई बेटा नहीं था। पिता ने सभी बेटियों की परवरिश बेटों के समान ही की थी।

जानकारी अनुसार मप्र के सागर जिले के मकरोनिया के वार्ड क्रमांक 17 महात्मा गांधीवार्ड निवासी व दसवीं बटालियन से रिटायर्ड एएसआई हरिश्चंद्र अहिरवार ब्रेन हेमरेज से पीड़ित थे। सोमवार सुबह उनका निधन हो गया था। उनका कोई पुत्र नहीं था, केवल 9 बेटियां थीं। बेटियों में भी 7 का विवाह हो चुका था। सोमवार को सभी बेटियां ने अपने पिता का खुद अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।

नम आंखों से दी पिता को विदाई

दोपहर में जब हरिश्चंद्र की अर्थी घर से निकली तो सभी बेटियों ने उनको कंधा दिया। यह दृश्य जिसने भी देखा, उनकी आंखे नम हो गईं। बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे, सभी ने नम आंखों से हरिश्चंद्र को विदाई दी। मकरोनिया मुक्तिधाम में बेटियों ने अपने पिता को हिंदू रीति रिवाज से मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की सारी विधि को पूरा किया।

बेटी वंदना ने बताया कि उनके पिता को अपनी बेटियों से काफी लगाव था। हमारा कोई भाई नहीं है, इस कारण उनके साथ सभी छोटी—बड़ी बहनों जिनमें अनिता, तारा, जयश्री, कल्पनना, रिंकी, गुड़िया, रोशनी, दुर्गा ने एक साथ बेटी होने का फर्ज निभाने का फैसला किया था। उनके पिता ही उनका संसार थे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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