RO.No. 13047/ 78
राजनीति

लोकसभा चुनाव लड़ने से हिचक रहे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस हाईकमान रियायत देने के मूड में नहीं

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव लड़ने से हिचक रहे पार्टी के राष्ट्रीय स्तर ही नहीं राज्य के वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस हाईकमान इस बार रियायत देने के मूड में नहीं है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहली सूची के उम्मीदवारों का नाम तय करने के क्रम में छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सूबे के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने के फैसले पर मुहर लगा कर पार्टी नेतृत्व ने इसका साफ संदेश दे दिया है।

कई बड़े चेहरों की घोषणाएं संभव
चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों का फैसला करने के दौरान नेतृत्व के इस रूख को देखते हुए मध्यप्रदेश से लेकर राजस्थान और कर्नाटक से लेकर हरियाणा तमाम राज्यों के बड़े नेताओं पर न केवल चुनावी मैदान में उतरने का दबाव रहेगा बल्कि आने वाले दिनों में क्रमबद्ध रूप से कई बड़े चेहरों की उम्मीदवारी की घोषणाएं भी होंगी। चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे कर्नाटक के कुछ मंत्रियों के रूख के बावजूद पार्टी नेतृत्व उन्हें चुनाव मैदान में उतारने के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

जीत की संभावना वाले चेहरों पर फोकस
पार्टी सूत्रों ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बघेल और साहू की उम्मीदवारी पर मुहर लगाने के फैसले के संदर्भ में कहा कि इसमें संदेह नहीं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व का पूरा फोकस जीत की संभावना वाले चेहरों को मैदान में उतारने पर है। 2024 की लड़ाई केवल चुनावी नहीं रह गई बल्कि उससे पहले यह मनोवैज्ञानिक सियासी जंग के रूप में लड़ी जा रही है और ऐसे में जरूरी है कि कांग्रेस पूरे दमखम के साथ पीएम मोदी की अगुवाई वाली भाजपा का मैदान में मुकाबला कर रही है यह दिखना ही नहीं होना भी चाहिए।

एमपी-सीजी से यह दिख सकते हैं रण में
भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू जैसे लोकसभा चुनाव लड़ने के अनिच्छुक नेताओं को पहली सूची के उम्मीदवारों में नाम तय कर नेतृत्व ने इस संदेश का ही आधार तय किया है। बघेल को राजनादगांव तो साहू को महासमुंद से उम्मीदवार बनाया जा रहा है। इसी तरह छत्तीसगढ की वरिष्ठ नेता ज्योत्सना महंथ को कोरबा से उम्मीदवार बनाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि इसका संदेश साफ है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से लेकर जीतू पटवारी जैसे वरिष्ठ नेताओं पर लोकसभा चुनाव लड़ने का दबाव है।

राजस्थान में परंपरागत पर रहेगा फोकस
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उनके गृह जिला जोधपुर से तो पूर्व विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी पर जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ने का दबाव है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी अपनी परंपरागत सीट से लड़ने का विकल्प दिया गया है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी चुनाव लड़ाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

हरियाणा से इनको मिल सकती है कमान
हरियाणा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुडडा अगले विधानसभा चुनाव पर लक्ष्य साध रहे हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार नेतृत्व इससे पहले लोकसभा चुनाव में सूबे में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत को देखते हुए उनसे चुनाव लड़ने को कह रहा है। साथ ही उनके बेटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुडडा वरिष्ठ नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुमारी सैलजा से लेकर किरण चौधरी के भी चुनाव मैदान में उतरने की संभावनाएं हैं।

महाराष्ट्र में दिख रही बेहतर संभावनाएं
महाराष्ट्र में इस बार चुनावी मुकाबले में आइएनडीआइए गठबंधन की वजह से कांग्रेस अपनी पिछली बार की तुलना में बेहतर संभावनाएं देख रही है। सूत्रों ने कहा कि इसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, नेता विपक्ष विजय वडेटटीवार, वरिष्ठ नेता बाला साहब थोराट, माणिकराव ठाकरे ही नहीं दिग्गज नेताओं कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर भी चुनाव लड़ने का दबाव है।

दिल्ली में इन नामों पर चर्चा
दिल्ली में आप से समझौते में मिली तीन सीटों के लिए जयप्रकाश अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित, अनिल चौधरी और अल्का लांबा जैसे सूबे के प्रमुख चेहरों के नाम पर विचार किया जा रहा है। गुजरात के वरिष्ठ नेताओं को भी इस बार नेतृत्व मैदान में सीधी लड़ाई की भूमिका में देखना चाहता है।

यहां मैदान में उतरने से हिचक रहे नेता
तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेडडी के साथ मिलकर पार्टी नेतृत्व सभी सीटों पर दमदार नेताओं को उतारने की रणनीति पर काम कर रहा है तो कर्नाटक में सीएम सिद्धरमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को यह जिम्मा सौंपा गया। राज्य सरकार में मंत्री सूबे के कई प्रभावी कांग्रेस नेताओं जैसे कृष्णा बायरे गौड़ा, केएच मुनियप्पा, ईश्वर खंडारे से लेकर सतीश जारकीहोली को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है मगर ये नेता मैदान में उतरने से हिचक रहे हैं।
 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button