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शराब के ठेके चलाने में पीछे नहीं हैं लखनऊ की महिलाएं, 370 शराब के ठेकों की हैं मालकिन

लखनऊ
 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शराब ठेकों की छवि बदलेगी। एक तिहाई ठेकों पर महिलाओं को बैठा देखा जा सकेगा। इससे ठेकों के आसपास होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। नवाबों के शहर में शराब ठेकों में स्थिति बदलने पर बड़ा निर्णय हो गया है। जैसे व्हिस्की केवल पुरुषों का पेय नहीं है, उसी तरह शराब का कारोबार भी केवल पुरुषों के लिए नहीं है, यह कथन लखनऊ में साबित होने वाला है। दरअसल, वित्तीय वर्ष 2024- 25 में लखनऊ में 1046 शराब की दुकानों में से 370 महिला उद्यमियों को आवंटित की गई हैं। 1 अप्रैल से महिला दुकान मालिक एक तिहाई से अधिक व्यवसाय की बागडोर संभालेंगी, जिस पर अतीत में मुख्य रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि लखनऊ में पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं की कुल भागीदारी 7 फीसदी बढ़ी है। इस बार अधिक दुकानों पर महिलाओं का कब्जा हुआ है। हालांकि, महिलाओं को कोई विशेष प्रोत्साहन या छूट नहीं दी जाती है, लेकिन ऊपर की ओर रुझान से पता चलता है कि महिलाएं अब शराब के व्यापार में उतरने से नहीं हिचकिचा रही हैं। लखनऊ के जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए जारी किए गए कुल लाइसेंस में से 35 फीसदी महिला उद्यमियों ने हासिल की हैं। पिछले तीन वर्षों में जैसे- जैसे महिला आवेदकों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुपात में उनकी भागीदारी भी बढ़ रही है।

क्या कहती हैं महिला लाइसेंस धारक

महिलाओं में सबसे ज्यादा दिलचस्पी आईएमएफएल शराब की दुकानों को लेकर है, जहां से व्हिस्की, वोदका, रम, जिन और वाइन का कारोबार होता है। उसके बाद बीयर की दुकानें आती हैं। हजरतगंज की एक लाइसेंस प्राप्त बीयर दुकान की मालिक सुशीला जयसवाल ने कहा कि खुदरा स्टोरों का प्रबंधन करना मुश्किल नहीं है, क्योंकि करीबी निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी उपकरण उपलब्ध हैं। दुकान पर साउंड सिस्टम के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मैं कारोबार की निगरानी करूंगी। साथ ही, पिछले पांच वर्षों में शराब का कारोबार मजबूत और पारदर्शी हो गया है।

इस बीच, लखनऊ की कुल 1046 दुकानों में से केवल पांच देशी शराब की दुकानें और दो मॉडल शॉप ही बची हुई हैं। शेष 1,039 दुकानें आवंटित की जा चुकी हैं। राकेश सिंह ने कहा कि बाकी को भी जल्द ही नीलामी के लिए रखा जा रहा है।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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