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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

आरएसएस अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सामग्री और शब्दावली में बदलाव कर रहा: वैद्य

नागपुर-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने  बताया कि संघ ने अपने वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सामग्री और शब्दावली में बदलाव किए हैं और ये संशोधन इसी वर्ष से लागू किए जाएंगे।वैद्य ने  नागपुर में शुरू हुए संघ के वार्षिक ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ सम्मेलन के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरएसएस के सात दिवसीय ‘प्राथमिक शिक्षा वर्ग’, 20 दिवसीय ‘संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष’, 20 दिवसीय ‘संघ शिक्षा वर्ग-द्वितीय वर्ष’ और 25 दिवसीय ‘संघ शिक्षा वर्ग- तृतीय वर्ष’ प्रशिक्षण कार्यक्रमों में थोड़े बदलाव किए गए हैं।

वैद्य ने कहा कि नए संघ कार्यकर्ताओं के लिए तीन दिवसीय ‘प्रारंभिक वर्ग’ कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि इसके बाद नए कार्यकर्ता ‘प्राथमिक शिक्षा वर्ग’ में भाग लेंगे, जिसके बाद 15 दिवसीय ‘संघ शिक्षा वर्ग’ कार्यक्रम होगा, जिसे पहले ‘संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष’ कहा जाता था और इसकी अवधि 20 दिन थी। उन्होंने कहा कि संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं।वैद्य ने कहा कि हर साल 15,000 से 17,000 युवा ‘प्रथम शिक्षा वर्ग’ (प्रथम वर्ष कक्षा) में भाग लेते हैं और लगभग एक लाख युवा ‘प्राथमिक शिक्षा वर्ग’ में भाग लेते हैं। वैद्य ने कहा, ”अब से, ‘संघ शिक्षा वर्ग’ (प्रथम वर्ष) कार्यक्रम 15 दिन का होगा।”

सह-सरकार्यवाह ने बताया कि ‘द्वितीय वर्ष’ और ‘तृतीय वर्ष’ के प्रशिक्षण वर्गों को अब क्रमश ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-1’ और ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कहा जाएगा। उन्होंने कहा, ”नया पाठ्यक्रम और नई शब्दावली इसी साल से लागू की जाएगी।”यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस सम्मेलन के दौरान आगामी लोकसभा चुनावों पर चर्चा होगी, वैद्य ने कहा कि संघ हमेशा अधिक से अधिक मतदान पर जोर देता रहा है और आरएसएस कार्यकर्ता नागरिकों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बारे में जागरूक भी करते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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