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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली 20 ट्रेनों में नई तकनीक वाले एलएचबी कोच

रायपुर

रेल यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा एवं संरक्षित रेल परिचालन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रेल यात्रियों को सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे पुराने आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच को हटाकर नई तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाये जा रहे हैं। वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली 20 ट्रेनों को नई तकनीक वाले एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 20 ट्रेनों के 26 रैक में एलएचबी कोच है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की (1) बिलासपुर-भगत की कोठी (2) बिलासपुर-बीकानेर (3) बिलासपुर-पटना (4) बिलासपुर-एणार्कुलम (5) बिलासपुर-चेन्नई (6) बिलासपुर-पुणे (7) रायपुर-कोरबा (8) बिलासपुर-अमृतसर, छत्तीसगढ़ एक्स (9) दुर्ग-निजामुद्दीन, संपर्कक्रांति (10) दुर्ग-जम्मूतवी (11) दुर्ग-नौतनवा (12) दुर्ग-कानपुर (13) दुर्ग-अजमेर (14) दुर्ग-ऊधमपुर (15) दुर्ग-निजामुद्दीन, हमसफर (16) दुर्ग-भोपाल, अमरकंटक एक्स (17) रायगढ़-गोंदिया, जनशताब्दी एक्स (18) दुर्ग-नौतनवा तथा (19) दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस (20) कोरबा-इतवारी, शिवनाथ में एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

पृष्ठभूमि
एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किये गये जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुश के नाम पर पड़ा है। एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किए गये। वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में किया जा रहा है। एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। रेल परिचालन की दृष्टि एलएचबी कोच काफी सुरक्षित है। आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है, एवं अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है। इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है।

एक सामान्य आईसीएफ स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 80 बर्थ होती है। इसी प्रकार आईसीएफ एसी-3 कोच में 64 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है तथा आईसीएफ एसी-2 कोच में 46 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 62 बर्थ होती है, जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है। एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है। वही दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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