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अमेरिकी सीनेटर ने भारत में चुनाव को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों से तैयारी के बारे में पूछा

अमेरिकी सीनेटर ने भारत में चुनाव को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों से तैयारी के बारे में पूछा

लोकसभा चुनाव से पहले भारत-ब्रिटेन के बीच 14वें चरण की एफटीए वार्ता संपन्न

अगले 5 साल में मंगल ग्रह पर होगा स्टारशिप रॉकेट : एलन मस्क

वाशिंगटन
 अमेरिका के एक प्रभावशाली सीनेटर ने 'मेटा' के मालिकाना हक वाले व्हाट्सऐप समेत सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा है कि उन्होंने भारत में चुनाव के मद्देनजर क्या तैयारियां की हैं।सीनेटर माइकल बेनेट के मुताबिक, भारत में सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल कर फर्जी और झूठी सामग्री साझा करने का रिकॉर्ड रहा है।

अमेरिकी चुनावों पर नज़र रखने वाली सीनेट की खुफिया और नियम समिति के सदस्य सीनेटर बेनेट ने सोशल मीडिया मंचों का संचालन करने वाली कंपनियों को भारत में चुनाव की घोषणा से पहले पत्र लिखकर उक्त जानकारी मांगी है।

बेनेट ने 'अल्फाबेट', 'मेटा' (फेसबुक), 'टिकटॉक', 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) के अधिकारियों को पत्र लिखा है जिसमें इन कंपनियों से भारत समेत विभिन्न देशों में चुनाव को लेकर उनकी तैयारियों के बारे में पूछा गया है।

बेनेट ने पत्र में कहा, "आपके मंचों से चुनावों में होने वाले खतरे नए नहीं हैं – पिछले चुनावों में उपयोगकर्ताओं ने 'डीपफेक' और डिजिटल रूप से छेड़छाड़ कर सामग्री को पोस्ट किया था – लेकिन अब, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मॉडल लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीतिक स्थिरता दोनों के लिए जोखिम बढ़ाएगा।"

उन्होंने कहा कि उन्नत एआई उपकरणों के माध्यम से अब कोई भी वास्तविक दिखने वाली तस्वीरें, वीडियो और ऑडियो का निर्माण कर सकता है जो चिंताजनक है।

साल 2024 में 70 से ज्यादा देशों में चुनाव होने हैं और दो अरब से ज्यादा लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। साल 2024 "लोकतंत्र का वर्ष'' है।

इस साल ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, घाना, आइसलैंड, भारत, लिथुआनिया, नामीबिया, मेक्सिको, मोल्दोवा, मंगोलिया, पनामा, रोमानिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और अमेरिका में चुनाव होने हैं।

'एक्स' के एलन मस्क, 'मेटा' के मार्क ज़ुकरबर्ग, 'टिकटॉक के शो ज़ी च्यू और अल्फाबेट के सुंदर पिचाई को लिखे पत्र में बेनेट ने इन मंचों की चुनाव संबंधी नीतियों, सामग्री नियंत्रण (मॉडरेशन) दल और एआई से बनाई गई सामग्री की पहचान करने के लिए अपनाए गए उपकरणों की जानकारी मांगी गई है। साथ में इसकी भी जानकारी मांगी गई है कि सामग्री नियंत्रण दल कितनी भाषाओं में हैं।

उन्होंने कहा, " दुष्प्रचार और फर्जी सूचना तथ्य और कल्पना के बीच के अंतर को धुंधला करके लोकतांत्रिक चर्चा में जहर घोलते हैं। आपके मंचों को लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए, उसे कमज़ोर नहीं करना चाहिए।"

सीनेटर ने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रमुख सोशल मीडिया मंचों में 'मेटा' के स्वामित्व वाला व्हाट्सऐप भी शामिल है और इनका भ्रामक व झूठी सामग्री को बढ़ावा देने का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है। राजनीतिक तत्व जो अपने लाभ के लिए जातीय आक्रोश को बढ़ावा देते हैं, उन्हें आपके मंचों पर दुष्प्रचार नेटवर्क तक आसान पहुंच मिल गई है।"

इसके बाद बेनेट ने उनकी नई नीतियों और भारत चुनावों के लिए तैनात किए गए लोगों के विवरण के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि "आपने 2024 के भारतीय चुनाव की तैयारी को लेकर कोई नई नीतियां अपनाई हैं?

बेनेट ने पूछा, "आपने असमी, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संताली, मैथली और डोगरी में कितने सामग्री नियंत्रकों को फिलहाल तैनात किया हुआ है।"

सीनेटर ने सोशल मीडिया कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से कहा कि उनके मंच एआई से बनी सामग्री को रोकने के साथ-साथ पारंपरिक फर्जी सामग्री को रोकने में भी नाकाम साबित हुए हैं। सीनेटर के अनुसार, उन्होंने अमेरिकी खुफिया विभागों के प्रमुखों से सुना है कि रूसी, चीनी और ईरानी सरकारें अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर सकती हैं।

 

 

लोकसभा चुनाव से पहले भारत-ब्रिटेन के बीच 14वें चरण की एफटीए वार्ता संपन्न

लंदन,
 भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर 14वें चरण की बातचीत  संपन्न हुई।बातचीत की जानकारी रखने वाले ब्रिटेन के अधिकारियों के अनुसार, भारत में आगामी आम चुनाव के मद्देनजर यह वार्ता संपन्न होनी अपेक्षित थी और अगले चरण की औपचारिक व्यापार वार्ता लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही शुरू हो सकती है।

जनवरी 2022 में शुरू हुई एफटीए वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार के लिए ''महत्वाकांक्षी'' नतीजे हासिल करना है। पिछले महीने के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अभी दोनों देशों के बीच व्यापार एक साल में 38.1 अरब पाउंड के करीब है।

ब्रिटेन में आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ''हमारा अनुमान है कि थोड़ी बहुत बातचीत हो सकती है लेकिन अगले चरण की बातचीत भारत में चुनाव के बाद ही होगी।''

सूत्रों ने बताया, ''कोई भी पक्ष बातचीत से भाग नहीं रहा है। सिर्फ इतनी सी बात है कि हमारे पास किसी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वह सब कुछ नहीं है जो वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में हमारी संयुक्त महत्वाकांक्षा को पूरा करता हो। पिछले कुछ वर्षों में वार्ताकारों ने बहुत कड़ी मेहनत की है और हम कुछ मुद्दों को हल करने में कामयाब रहे हैं।''

इस वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से बातचीत की और दोनों नेता एक ''ऐतिहासिक और व्यापक समझौते'' तक पहुंचने के महत्व पर सहमत हुए, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।

अगले 5 साल में मंगल ग्रह पर होगा स्टारशिप रॉकेट : एलन मस्क

एन फ्रांसिस्को
 एलन मस्क ने कहा कि विशाल स्टारशिप रॉकेट जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को 2026 तक चंद्रमा पर उतारना है, अगले पांच साल में मंगल ग्रह भी होगा।

मस्क की स्पेस एक्स कंपनी ने इस सप्ताह हेवी बूस्टर के साथ इसके 400 फुट ऊंचे स्टारशिप रॉकेट की तीसरी परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक संपन्न किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "स्टारशिप 5 साल के भीतर मंगल ग्रह पर होगी।" टेस्ला के सीईओ ने स्टारशिप रॉकेट की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं और कहा, "यह एक वास्तविक तस्वीर है।"

उन्होंने आगे कहा, "जमीन पर आप जो कुछ भी कर सकते हैं, वह जमीन पर ही किया जाना चाहिए, लेकिन मंगल ग्रह के लिए फोबोस और डेमोस (मंगल के दो चंद्रमा) पर बने रिफ्लेक्टर एक अच्छा तरीका हो सकता है।" स्टारशिप दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका उपयोग मनुष्यों को चंद्रमा और फिर मंगल ग्रह पर भेजने के लिए किया जाएगा।

स्टारशिप में एक विशाल प्रथम चरण का बूस्टर होता है, जिसे सुपर हेवी कहा जाता है, साथ ही इसमें होता है 50 मीटर का एक अंतरिक्ष यान जिसे स्टारशिप के नाम से जाना जाता है।

मस्क कम से कम दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं। मस्क ने एक्स पर एक हालिया पोस्ट में लिखा, "हम दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए एक गेम प्लान तैयार कर रहे हैं।" एक्स के मालिक ने कहा, "मानवता को चंद्रमा पर होना चाहिए, मंगल ग्रह पर शहर बसना चाहिए।"

 

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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