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गुस्सैल स्वभाव के थे रवि किशन के पिता

मुंबई

सांसद और एक्टर रवि किशन ने पिता के साथ अपने रिश्तों पर बात की है। रवि किशन ने कहा कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे एक्टर बनें। वे एक पुजारी थे। चाहते थे कि बेटा या फिर किसानी करे या सरकारी नौकरी निकाले। हालांकि रवि किशन का मन एक्टिंग और डांसिंग में लगता था। एक बार रवि किशन रामलीला में परफॉर्म करने चले गए।

जब यह बात पिता को पता चली तो उन्होंने बेटे को खूब मारा। रवि किशन ने कहा कि उनके पिता एक साधु संत आदमी थे, उनके अंदर संवेदना औरों के मुकाबले कम थी। इसलिए वो इतना नाराज हो गए थे कि बेटे का खून भी कर सकते थे। हालांकि समय के साथ जब रवि किशन सफल हुए तो उनके पिता सबसे ज्यादा खुश हुए। ब्रूट के साथ इंटरव्यू में रवि किशन ने कहा- मेरे पिता के गुस्सैल स्वभाव के कारण मुझे 17 साल की उम्र में ही घर छोड़ना पड़ा। वे मुझे खूब मारा करते थे। माता जी को पता था कि उनके पति बहुत क्रोधित स्वभाव के हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा भाग जाओ। इसके बाद जेब में 500 रुपए रखकर मैं घर से मुंबई की तरफ निकला पड़ा। रवि किशन ने आगे कहा- मेरे पिता साधु-संत टाइप आदमी थे। वे चाहते थे कि मैं सरकारी नौकरी करूं। किसानी करू लूं या ये भी न हो पाए तो अंत में पुजारी बन जाऊं। बस मुझे एक्टर के तौर पर देखना उन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं था।

मुझे रामलीला में सीता का रोल करते देख उन्हें बहुत गुस्सा आया था। वो मुझे मारा करते थे और मैं उस मार से कुछ न कुछ सीखता रहता था। उनकी पिटाई की ही देन है कि मैं एक्टर बन पाया। रवि किशन जब एक्टर बन गए और पैसे कमाने लगे तो उनके पिता का नजरिया बदल गया। रवि किशन ने कहा- जब पिताजी अंतिम सांस गिन रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने मुझे कहा कि तुम हमारे गौरव हो। बचपन से ही एक चीज मेरे दिमाग में क्लियर था, कि मुझे अजनबी मौत नहीं मरना है। हर इंसान एक मकसद के साथ पैदा होता है। मुझे मेरे मकसद ने ही रवि किशन बनाया है। बता दें कि रवि किशन इन दिनों अपनी लेटेस्ट फिल्म लापता लेडीज की वजह से सुर्खियों में हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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