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मप्र में फेल हो गई दिग्विजय-जयवर्धन की रणनीति?बीजेपी में शामिल हुए कई नेता

अशोकनगर
लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा हो गई है। बीजेपी ने एमपी की सभी सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने केवल 10 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसी बीच कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुश्किल है पार्टी छोड़ रहे नेता। बड़े नेताओं के साथ कांग्रेस के आम कार्यकर्ता भी साथ छोड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि सबसे ज्यादा पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी उम्मीदवार बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह एक्टिव हैं। इसके बाद भी वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने की रणनीति नहीं बना पा रहे हैं। बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार घोषित होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को पहली बार अशोकनगर पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।

कौन-कौन से नेता हुए शामिल
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंदेरी के जनपद सदस्य भूपेंद्र बुंदेला, सरपंच देवेंद्र बुंदेला, महेंद्र सिंह परमार, रामगोपाल पांडेय, रमाकांत सेवा, राजभान सिंह बुंदेला सहित दर्जनों पदाधिकारी को भाजपा ज्वाइन करवाई। कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष और दो बार के पार्षद दीपक सोनू सुमन ने भी कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली।

दिग्विजय सिंह और जयवर्धन ने संभाला था मोर्चा
2020 में मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे जिसके कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। 2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने गुना-शिवपुरी के साथ-साथ पूरे ग्वालियर चंबल में मोर्चा संभाल लिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान कई सिंधिया समर्थक नेताओं की जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस में वापसी कराई थी। लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के उम्मीदवार बनने के बाद यहां हर दिन कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं।

पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने बोला हमला
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रद्युमन सिंह दांगी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को कुछ लोगों ने अपनी जेब में रख लिया है। पूरे प्रदेश के 56 नेताओं ने अपने-अपने संभाग बांट लिए हैं और अपने हिसाब से चला रहे हैं। प्राइवेट कंपनी की तरह मूल कांग्रेस की कोई परवाह नहीं है। कई बार इसकी शिकायत ऊपर तक की गई लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने कहा कि कुछ दिनों में यूपी की तरह एमपी में भी कांग्रेस की स्थिति हो जाएगी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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