राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सरकार की अगले पाँच साल में सभी भारतीय शहरों में कुछ लंबे मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना : नितिन गडकरी

नई दिल्ली
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार की अगले पाँच साल में सभी भारतीय शहरों में और दिल्ली-शिमला, दिल्ली-चंडीगढ़ तथा मुंबई-पुणे जैसे कुछ लंबे मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना है। मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि बैटरी की कीमतों में गिरावट से यात्रियों के लिए बसों का किराया 30 प्रतिशत कम हो जाएगा। साथ ही प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी। मंत्री ने बताया कि लिथियम-आयन बैटरी की लागत 150 डॉलर से घटकर 112 डॉलर प्रति किलोवाट प्रति घंटे हो गई है। ऐसा देश में इस सेगमेंट में 350 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब यह घटकर 100 डॉलर हो जाएगा, तो परिचालन लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के समान होगी। अगर आप एक महीने में पेट्रोल वाहनों पर 20-25 हजार रुपये खर्च करते हैं, तो इलेक्ट्रिक वाहनों पर आपको केवल दो हजार रुपये खर्च करने होंगे।" देश में ईवी विनिर्माण में तेजी आई है, सभी सिगमेंट में उत्पादन बढ़ रहा है। गडकरी ने कहा, "(देश में) 400 इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता हैं। हमारे पास 60 किमी की रेंज वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाले निर्माता हैं।"

मंत्री की टिप्पणियाँ देश को ई-वाहनों (ईवी) के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने की योजना के लिए सरकार की मंजूरी की पृष्ठभूमि में आई हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि यह नीति प्रतिष्ठित वैश्विक ईवी निर्माताओं द्वारा ई-वाहन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए बनाई गई है।

यह नीति उन विदेशी कंपनियों के लिए न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये (लगभग 50 करोड़ डॉलर) का निवेश तय करती है जो देश में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण सुविधाएँ स्थापित करना चाहती हैं। इस योजना का उद्देश्य एलन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला जैसे प्रमुख ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करना है। इसमें निवेश पर कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है।

यह योजना देश में विनिर्माण सुविधाएँ स्थापित करने और ईवी का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के लिए तीन साल की समयसीमा भी निर्धारित करती है। इसमें कहा गया है कि विनिर्माण में 50 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन अधिकतम पाँच साल के भीतर हासिल किया जाना चाहिए। ईवी के लिए विनिर्माण सुविधाएँ स्थापित करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन के रूप में कम कस्टम ड्यूटी पर कारों के सीमित आयात की अनुमति दी जाएगी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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