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ग्रीस संसद बोले – पाकिस्तान को कश्मीर पर अत्याचारों को खत्म करना चाहिए

एथेंस
 पाकिस्तान आए दिन कश्मीर का राग अलापता रहता है और पूरी दुनिया में दुष्प्रचार करता है कि भारत जम्मू-कश्मीर में लोगों का उत्पीड़न करता है। लेकिन दुनिया अब पाकिस्तान की सच्चाई जान गई है और वैश्विक फोरम पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठने लगी है। अब ग्रीस के एक वरिष्ठ नेता ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हो रहे अत्याचारों पर पाकिस्तान को जमकर सुनाया है। ग्रीक नेता ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के साथ ही गिलगिट बाल्टिस्तान में भी पाकिस्तान के अत्याचार की पोल खोली है।

ग्रीक नेता कांस्टैंटिनोज बोगदानोज ने कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों को मूलभूत आजादी के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। कॉस्टैटिनोज संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा कार्यालय में तुर्की के कब्जे वाले साइप्रस को लेकर एक रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे, जिसे पाकिस्तान ने प्रोपेगैंडा कहकर खारिज किया था। इसे लेकर ग्रीक नेता ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए पाकिस्तान को खुद में झांकने की सलाह दी। उन्होंने कहा, आज़ाद कश्नीर और गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र के लोगों के प्रति पाकिस्तान की नीतियां उत्पीड़न की गवाही की रिपोर्ट है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के राजनीतिक विमर्श पर लगातार हो रहे अत्याचार ने मुझे, यूरोपीय और यूनानी होने के नाते गहराई से प्रभावित किया है।

ग्रीस और भारत एक साथ

कांस्टैटिनोज ने आगे कहा, "आज के वैश्विक जगत में कोई भी देश अपने लोगों को असहमति और बुनियादी स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित रखने का जोखिम नहीं उठा सकता। जब मैं उन पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्र की बात कर रहा हूं, तो उत्तरी साइप्रस के बारे में भी सोच रहा हूं।" उन्होंने कहा, "ग्रीस और भारत आक्रामकता के खिलाफ एक साथ खड़े हैं।" ग्रीक नेता ने कहा "मैं पाकिस्तान की सरकार से अंतरराष्ट्रीय कानून, लोकतंत्र और समानता के सिद्धांत के आलोक में आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान पर अपनी नीति को फिर से देखने का आह्वान करता हूं।"

साइप्रस पर एर्दोगन के बयान से भड़का ग्रीस

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के इसी सप्ताह साइप्रस को लेकर दिए गए बयान ने ग्रीस को नाराज कर दिया है। एर्दोगन ने कहा था कि साइप्रस को तुर्की राज्य का हिस्सा होना चाहिए। 1974 में तुर्की के साइप्रस में आक्रमण का बचाव करते हुए कहा था कि अगर तुर्की की सेना आगे बढ़ जाती और पूरे साइप्रस पर कब्जा कर लेती तो कोई साइप्रस समस्या नहीं होती। ग्रीस के नेता एर्दोगन के बयानों को तुर्की के स्थानीय चुनावों में उनकी पार्टी के पिछड़ने के बाद आई हताशा के रूप में बताते हैं। ग्रीस के आव्रजन मंत्री दिमित्रिस केरिडिस ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि एर्दोगन चुनाव के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करेंगे। उन्हें अपने उम्मीदवारों के समर्थन के लिए कट्टरपंथी राष्ट्रवादी वोटों की जरूरत है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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