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महाकाल मंदिर में अग्निकांड के बाद प्रशासन ने रंगपंचमी के दौरान बाहर से रंग लाने पर प्रतिबंध लगाया

उज्जैन

होली के त्योहार पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के वक्त गुलाल उड़ाए जाने के दौरान लगी आग से 14 लोगों के झुलसने की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन रंगपंचमी के 30 मार्च को पड़ने वाले पर्व पर अलग-अलग एहतियाती उपाय करेगा।

इनमें रंगपंचमी पर मंदिर में केवल हर्बल रंग को अनुमति दिए जाने के साथ ही भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं की तादाद नियंत्रित किया जाना शामिल है। प्रशासन के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उज्जैन के जिलाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, ‘‘होली के साथ ही रंगपंचमी पर भी महाकालेश्वर मंदिर में रंगों का त्योहार मनाया जाता है। हमने तय किया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति रंगपंचमी पर टेसू (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग का इंतजाम करेगी।’’

उन्होंने बताया कि रंगपंचमी पर मंदिर परिसर में किसी भी श्रद्धालु को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं होगी। सिंह ने बताया कि भोर के समय होने वाली भस्म आरती के दौरान रंग पंचमी पर श्रद्धालुओं की तादाद को नियंत्रित किया जाएगा।

हर्बल रंग से खेली जाएगी रंगपंचमी

उज्जैन जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंगलवार को पीटीआई को बताया कि 'सोमवार सुबह भस्म आरती अनुष्ठान के दौरान गर्भगृह में आग लगने से सेवकों सहित कम से कम 14 पुजारी घायल हो गए। इसी को देखते हुए हमने फैसला किया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति रंगपंचमी पर 'टेसू' (पलाश) के फूलों से बने हर्बल रंग की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि रंगपंचमी पर किसी भी श्रद्धालु को बाहर से मंदिर परिसर में रंग लाने की अनुमति नहीं होगी।'

रंगपंचमी पर मंदिर प्रबंधन करेगी ये व्यवस्था

  • रंगपंचमी पर सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भक्तों की संख्या नियंत्रित की जाएगी।
  • भक्तों को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगली बार केमिकल युक्त गुलाल का उपयोग न किया जाए।

गुलाल में मौजूद किसी केमिकल के कारण लगी आग

एमपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आशंका जताई थी कि प्रसिद्ध मंदिर में आग 'गुलाल' में मौजूद रसायनों के कारण लगी होगी, जो कि अनुष्ठानों और होली के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला रंगीन पाउडर है। मंत्री ने सोमवार को कहा कि हर साल, महाकालेश्वर मंदिर में गुलाल फेंककर होली मनाई जाती है। हो सकता है कि गुलाल में मौजूद किसी केमिकल के कारण आग लगी हो। हालांकि, हम महाकालेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ के साथ होली खेलने की परंपरा को बंद नहीं करने जा रहे हैं।

वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और यह भी जांच की जाएगी कि गुलाल में अभ्रक या किसी रसायन की मौजूदगी के कारण आग लगी है या नहीं। बता दें कि इस घटना में झुलसे हुए कुल 12 लोगों का इलाज किया जा रहा हैं। डॉक्टर उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

प्रदेश के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को आशंका जताई थी कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होली के दौरान रसायनयुक्त गुलाल उड़ाए जाने से आग भड़की होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कहा था कि अग्निकांड की विस्तृत छानबीन की जा रही है और इस आशंका को लेकर भी जांच की जाएगी कि मंदिर के गर्भगृह में उड़ाए गए गुलाल में अभ्रक या कोई रसायन होने से तो आग नहीं भड़की।

इस बीच, इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में हुए अग्निकांड में झुलसे लोगों में शामिल चार और लोगों को उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया, ‘हम अग्निकांड में झुलसे कुल 12 लोगों का इलाज कर रहे हैं। सभी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं।’’

घटना की होगी जांच

उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सुबह भस्म आरती के दौरान जब पूजा चल रही थी, उस वक्त आग लगने का मामला सामने आया है. इसमें 13 लोग आग से झुलसे हैं. घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया और इलाज चल रहा है. इसमें एक जांच की जाएगी. प्रारंभिक तौर पर किन पदार्थों की वजह से ये आग भड़की है, इसकी जांच की जाएगी.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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