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पोस्टमार्टम के बाद बेटे उमर को सौंपा जाएगा मुख्तार अंसारी का शव

लखनऊ-माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। आज शुक्रवार सुबह थोड़ी देर में परिवार के सामने मुख्तार अंसारी का  पोस्टमार्टम कराया जाएगा।इसके बाद मुख्तार का शव उनके बेटे उमर अंसारी को सौंपा जाएगा।  जिसके बाद गाजीपुर के मोहम्मदाबाद कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। बांदा की सीमाओं पर आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग की जा रही है। झांसी शहर में भी पुलिस की सतर्कता बढ़ी है। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस फोर्स तैनात है।

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद हाई अलर्ट पर यूपी
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरा उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट पर है। पूरे राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। वहीं, मऊ और गाजीपुर में धारा-144 को लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही बांदा में भी सुरक्षा व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं। बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। डीजीपी मुख्यालय की ओर से भी सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया है।

 उनकी मौत पर बसपा और सपा ने सवाल खड़ा किया है। बसपा मुखिया मायावती ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है।

बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो आशंका जताई गई है व आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहने की शक्ति दे।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने लिखा कि पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई, वह अत्यधिक चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही खाने में जहर मिलाकर अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में न कोई जेल में कोई सुरक्षित है, न ही पुलिस कस्टडी में और न ही अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है। राम गोपाल यादव ने पूछा, क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार?

गौरतलब है कि यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज बांदा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। पूरे यूपी में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। परिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, गाजीपुर के काली बाग में स्थिति पारिवारिक कब्रिस्तान में मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है।

19 साल से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी
बता दें कि मुख्तार अंसारी पिछले 19 साल से जेल में बंद था। अन्तर्राज्यीय गैंग 191 के सरगना मुख्तार को 25 अक्टूबर 2005 में जेल भेजा गया था। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं। साल 2017 में यूपी में योगी सरकार के आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, उसे वापस उत्तर प्रदेश लाने के लिए योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। जिसके बाद उसे बांदा जेल में शिफ्ट किया गया।

साल 1996 में बना था पहली बार विधायक

अंसारी पहली बार 1996 में मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुना गया था. उसने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा. साल 2012 में, अंसारी ने कौमी एकता दल (क्यूईडी) बनाया और मऊ से फिर से जीत हासिल की. 2017 में उन्होंने फिर से मऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 2022 में मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास अंसारी के लिए सीट खाली कर दी, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से जीते. वह पिछले 19 वर्षों से उत्तर प्रदेश और पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद रहा.

साल 2005 से जेल में रहते हुए उसके खिलाफ हत्या और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 28 मामले दर्ज थे और सितंबर 2022 से आठ आपराधिक मामलों में उसे दोषी ठहराया गया था. फिलहाल मुख्तार अंसारी पर विभिन्न अदालतों में 21 मुकदमे लंबित थे.

समाजवादी पार्टी (सपा) ने अंसारी के निधन को दुखद बताया है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताया है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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