राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

हम लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे : नगालैंड के संगठन ने कहा

कोहिमा

नगालैंड से अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे 'ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन' (ईएनपीओ) ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेगा।

क्षेत्र की सात नगा जनजातियों की शीर्ष संस्था ईएनपीओ ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि उनके सदस्यों ने सामूहिक रूप से आगामी संसदीय चुनावों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

पत्र में कहा गया, ‘‘ईएनपीओ के तत्वावधान में पूर्वी नागालैंड के लोगों ने 19 मार्च 2024 को ''चेनमोहो संकल्प'' के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था जिसमें सीमांत नगालैंड क्षेत्र (एफएनटी) बनाने में विफल रहने पर किसी भी केंद्रीय और राज्य चुनाव में भाग नहीं लेने का संकल्प लिया गया था।''

पत्र में कहा गया है, ‘‘इस संबंध में निर्वाचन आयोग के माध्यम से गृह मंत्रालय द्वारा सात दिसंबर 2023 को लोकसभा 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता की घोषणा करने से पहले समाधान का आश्वासन दिया गया था।''

ईएनपीओ ने इस बार पर भी बल दिया कि यह निर्णय '' चुनावी मशीनरी या लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ अवज्ञा की नीयत से नहीं लिया गया है।'' उसने कहा कि यह ''भारत के संविधान के तहत अपनाया गया एक सैद्धांतिक रुख है'' और इसका उद्देश्य पूर्वी नागालैंड के लोगों की जायज मांगों और आकांक्षाओं पर ध्यान आकर्षित करना है।

ईएनपीओ 2010 से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि नगालैंड के पूर्वी हिस्से के छह जिले वर्षों से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं।

संगठन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत सरकार हमारी चिंताओं पर ध्यान देगी और सीमावर्ती नगालैंड क्षेत्र के मुद्दे के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।''

नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। हाल ही में नगालैंड कैबिनेट और राज्य के पूर्वी क्षेत्र के विधायकों ने ईएनपीओ से आगामी लोकसभा चुनावों में भाग लेने की अपील की है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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