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झारखंड के दुमका कांड के बाद विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ाने की पहल, हाईकोर्ट में SOP मसौदा पेश

दुमका.

झारखंड सरकार ने मंगलवार को राज्य में आने वाले विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश चन्द्रशेखर और न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की पीठ इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, क्योंकि राज्य सरकार ने उल्लेख किया था कि एसओपी में दो हेल्पलाइन नंबर भी शामिल हैं।

हेल्पलाइन नंबर के साथ-साथ तत्काल सेवा प्राप्त करने के लिए एक ऐप भी बनाया गया है। सुनवाई की अगली तारीख 4 अप्रैल तय की गई है। राज्य सरकार ने अदालत में बताया कि राज्य में आने वाले विदेश पर्यटकों को दो हेल्पलाइन नंबरों और ऐप के माध्यम से पुलिस सहित अन्य सहायता उपलब्ध होगी। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि विदेशी पर्यटकों को राज्य में प्रवेश करते समय पहली पुलिस चौकी पर अपनी जानकारी देनी होगी। इस जानकारी को निगरानी के लिए केंद्रीकृत डेटाबेस में भी दर्ज किया जाएगा। पर्यटकों को उन स्थानों के लिए निर्देश दिए जाएंगे, जहां वे जाना चाहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सेवा विदेशी पर्टयकों के साथ-साथ अन्य पर्यटकों के लिए भी उपलब्ध होगी।

पढ़िए, पीड़िता ने पुलिस को क्या बताई आपबीती
झारखंड के दुमका में पिछले माह अपने पति के साथ आई एक स्पेनिश महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसके बाद से प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई है। पीड़िता ने एफआईआर में बताया कि वह अपने पति के साथ बाइक पर दुनिया घूमने निकलीं हैं। वे दोनों अपनी मोटरबाइक पर कोलकाता से एक मार्च को नेपाल के लिए निकले थे। दुमका में कुरमाहाट के पास हम पहुंचे ही थे कि अंधेरा होना शुरू हो गया था तो हमने वहीं रुकने का फैसला किया। हमने सड़क से एक किलोमीटर दूर टेंट लगाया। शाम सात बजे हमने कुछ आवाज सुनी, जिसके बाद वे अपने पति के साथ टेंट से बाहर आईं। वहां दो लोग बात कर रहे थे। थोड़ी देर में ही वहां सात लोग आ गए। पीड़िता के अनुसार, उन लोगों ने उसके पति से झगड़ा शुरू कर दिया और फिर टेंट में घुसकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी उनसे 300 डॉलर, 11 हजार रुपये और एक डायमंड रिंग आदि भी लूटकर ले गए। पीड़िता का कहना है कि आरोपियों में एक करीब 30 साल का और अन्य 20-22 साल के थे। पीड़िता ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा था कि 'मुझे लगा था कि वे लोग मुझे मार डालेंगे, लेकिन भगवान की कृपा से मैं जीवित हूं।'

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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