राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भारत अब आतंकवादियों को उसकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे रहा

नई दिल्ली

भारत अब आतंकवादियों को उसकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. पाकिस्तान में एक के बाद एक 'दुश्मनों' को खात्मा किया जा रहा है. इसे लेकर ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या करने का आदेश दिया है. भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति बनाई है और उसी रणनीति के हिस्से के रूप में पाकिस्तान में एक गुप्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है. खुफिया अधिकारियों का दावा है कि 2020 से अब तक 20 हत्याएं की गई हैं. हालांकि, भारत ने आरोपों का खंडन किया और दुर्भावनापूर्ण बताया है.

द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के हवाले से बड़ा दावा किया है. रिपोर्ट में दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों के साथ इंटरव्यू और पाकिस्तानी जांचकर्ताओं की तरफ से शेयर किए गए दस्तावेज का जिक्र किया है. इसमें कहा गया कि भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने 2019 (पुलवामा अटैक की घटना) के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साहसी दृष्टिकोण अपनाया और कथित तौर पर विदेशों में अपने दुश्मनों का खात्मा करने की कार्रवाई शुरू की.

रिपोर्ट में दावा किया गया कि खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय नियंत्रित करता है. दिल्ली ने उन लोगों को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन चलाया है, जिन्हें वो भारत के प्रति दुश्मन मानता है. 

'कनाडा और अमेरिका ने भी लगाए थे आरोप'

वॉशिंगटन (अमेरिका) और ओटावा (कनाडा) ने भी भारत को लेकर आरोप लगाए थे. कनाडा ने एक सिख आतंकवादी समेत अन्य लोगों की हत्या का आरोप लगाया था. इसमें भारत की भूमिका को लेकर सवाल किए थे. इसी तरह पिछले साल अमेरिका ने भी एक अन्य सिख आतंकी की हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

'चुन-चुनकर मारे जा रहे हैं भारत के दुश्मन'

ताजा दावे में कहा गया कि 2020 के बाद से भारत ने पाकिस्तान में ताबड़तोड़ कार्रवाई की है और अब तक करीब 20 लोगों की हत्या करवाई है. इससे पहले भी इन हत्याओं के पीछे भारत को अनौपचारिक रूप से जोड़ा जाता था, लेकिन यह पहली बार है कि भारतीय खुफिया कर्मियों ने पाकिस्तान में कथित अभियानों पर चर्चा की है. ब्रिटिश अखबार का कहना है कि इन हत्याओं के पीछे रॉ की प्रत्यक्ष भूमिका होने से संबंधित दस्तावेज भी देखे गए हैं. आरोपों से यह भी पता चलता है कि खालिस्तान आंदोलन से जुड़े सिख अलगाववादियों को भी चुन-चुनकर खत्म करने की योजना तैयार की गई है और इस ऑपरेशन को पाकिस्तान और पश्चिम देशों में भी अंजाम दिया जा रहा है.

 

'ज्यादातर UAE से ऑपरेट होते हैं स्लीपर सेल'

पाकिस्तानी जांचकर्ताओं के अनुसार, ये मौतें ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से संचालित होने वाले भारतीय खुफिया स्लीपर सेल द्वारा की जा रही हैं. 2023 के बाद हत्याओं की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया कि UAE से ऑपरेट होने वाले स्लीपर सेल ने पाकिस्तान में स्थानीय अपराधियों या गरीबों को बहलाया-फुसलाया है और लाखों रुपए का प्रलोभन देकर इन हत्याओं को अंजाम दिलवाया है. भारतीय एजेंटों ने गोलीबारी को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर जिहादियों को भी भर्ती किया है. 

'पुलवामा हमले के बाद एक्शन मोड में आया भारत'

रिपोर्ट के मुताबिक, दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के अनुसार, विदेश में बैठे भारत के दुश्मनों को खत्म करने के प्लान को रॉ ने तब आगे बढ़ाया, जब 2019 में पुलवामा में हमला हुआ. पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने कश्मीर में एक सैन्य काफिले को निशाना बनाया था, जिसमें 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. मोदी उस समय अपने दूसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में थे और हमले के बाद उनकी सत्ता में वापसी हुई. 

'दुश्मनों को पहले ही ढेर करने का बना प्लान'

एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने कहा, पुलवामा के बाद देश के बाहर बैठे दुश्मनों को हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले निशाना बनाने के लिए सरकार का दृष्टिकोण बदल गया. उनका कहना था कि हम हमलों को रोक नहीं सके, क्योंकि उनके सुरक्षित ठिकाने पाकिस्तान में थे, इसलिए हमें सोर्स तक पहुंचना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन करने के लिए सरकार के उच्चतम स्तर से अप्रूवल लेने की जरूरत होती है. 

'मोसाद और केजीबी के नक्शेकदम पर भारत'

अधिकारी ने कहा कि भारत ने इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी जैसी खुफिया एजेंसियों से भी प्रेरणा ली है. इन एजेंसियों के बारे में कहा जाता है कि ये अपने दुश्मनों को विदेशी धरती पर जाकर खत्म कर देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी. खशोगी की हत्या के कुछ महीने बाद पीएमओ में खुफिया विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच इस बात पर लंबी बहस हुई थी कि इस घटना से कैसे कुछ सीखा जा सकता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक में कहा कि अगर सऊदी ऐसा कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं? सऊदी ने जो किया, वो बहुत प्रभावी था. आप ना सिर्फ अपने दुश्मन से छुटकारा पाते हैं बल्कि आपके खिलाफ काम करने वाले लोगों को एक भयावह संदेश और चेतावनी भी भेजते हैं. हर खुफिया एजेंसी ऐसा करती रही है. अपने दुश्मनों को खत्म किए बिना हमारा देश मजबूत नहीं हो सकता है. 

'पाकिस्तान ने जताया भारत पर हत्याएं करवाने का संदेह'

दो अलग-अलग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 2020 के बाद से 20 हत्याओं में भारत की संलिप्तता का संदेह है. उन्होंने सात मामलों का जिक्र किया और इन केसों में जिन लोगों से पूछताछ की, उनका हवाला दिया. इसमें गवाहों की गवाही, गिरफ्तारी रिकॉर्ड, वित्तीय विवरण, व्हाट्सएप मैसेज और पासपोर्ट शामिल हैं. जांचकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तानी धरती पर टारगेट किलिंग के लिए भारतीय जासूसों द्वारा अभियान चलाए गए हैं.

खुफिया सूत्रों ने दावा किया कि 2023 में टारगेट किलिंग में काफी वृद्धि हुई है, जिसमें भारत पर लगभग 15 लोगों की संदिग्ध मौतों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिनमें से अधिकांश को अज्ञात बंदूकधारियों ने करीब से गोली मार दी थी. 

'भारत ने आरोपों को बताया झूठा और दुर्भावनापूर्ण'

वहीं, द गार्जियन को एक जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने सभी आरोपों से इनकार किया. भारत का कहना है कि इस तरह के दावे झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं और भारत विरोधी प्रचार का हिस्सा हैं. मंत्रालय ने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के पिछले खंडन का हवाला दिया और कहा, अन्य देशों में टारगेट किलिंग में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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