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आख़िरकार दबाव के आगे पहली बार झुका इजरायल, इस वजह से IDF के 2 अफसर किए बर्खास्त

तेलअवीव

गाजा में 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' के सहायता कर्मियों पर हुए हमले की जांच रिपोर्ट आने के बाद इजरायल ने अपनी गलती मान ली है. इसके साथ ही इजरायली सेना ने इस घटना के लिए दो सीनियर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इजरायल चौतरफा अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुका है. वरना इससे पहले कई बेकसूरों की मौत के बाद भी वो अपनी गलती नहीं मानता रहा है.

इजरायल सेना की तरफ से जारी बयान नें कहा गया है कि उसके ड्रोन ऑपरेटर ने बैग लिए एक सहायता कर्मी को गलती से बंदूकधारी समझ लिया. इस गलतफहमी की वजह से ये दुखद घटना हुई है. आईडीएफ ने घोषणा की है कि वो इस घटना की विस्तार से समीक्षा करेगी. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इजरायल ने अमेरिका को 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' के काफिले पर हुए हमले की रिपोर्ट भी सौंप दी है. इसकी पुष्टि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने की है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "हमें कुछ दिन पहले गाजा में वर्ल्ड सेंट्रल किचन टीम की भयानक हत्या पर इजराइल की रिपोर्ट मिली है. हम इसकी बहुत सावधानी से समीक्षा कर रहे हैं. हम उन निष्कर्षों पर इजराइली अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इजराइल इस घटना की पूरी ज़िम्मेदारी ले रहा है. उसने अपनी सेना के दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. ड्रोन हमलों में भूमिका के लिए तीन अन्य को फटकार लगाई है.''

1 अप्रैल को गाजा में वर्ल्ड सेंट्रल किचन के काफिले पर हुए हमले में ब्रिटेन के तीन और ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड के एक नागरिक-नागरिक सहित कुल सात सहायता कर्मी मारे गए थे. घटना के वक्त सहायता कर्मी एक गोदाम से लौट रहे थे. इसके बाद वर्ल्ड सेंट्रल किचन ने ग़ाज़ा में अपना काम निलंबित करने का एलान किया था. संस्था के संस्थापक एंड्रयूज ने इसे मानवीय मदद पहुंचाने वाले संगठनों पर हमला बताते हुए इजरायल को ज़िम्मेदार ठहराने की मांग की थी.

बताते चलें कि बीते सोमवार को इजरायली सेना ने मध्य गाजा के दीर ​​अल-बलाह शहर में भयंकर हमला किया था. इसमें वर्ल्ड सेंट्रल किचन चैरिटी के सात अंतरराष्ट्रीय सहायता कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई थी. मरने वालों में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के नागरिक शामिल थी. इसमें एक मिजो महिला भी शामिल थी, जिसके मां भारत के मिजोरम की रहने वाली हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के हैं.मारी गई मिजो महिला का नाम लालजावमी फ्रैंककॉम था.

वर्ल्ड सेंट्रल किचन चैरिटी एक अमेरिकी एनजीओ है. वो गाजा में जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य राहत और तैयार भोजन बांटता है. पिछले महीने तक इसने 175 दिनों में गाजा में 42 मिलियन से अधिक भोजन परोस चुका था. लालजावमी फ्रैंककॉम वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) में वरिष्ठ प्रबंधक थी. उत्तरी गाजा के लोगों को राहत प्रदान करने के मिशन पर थीं. वो जब अपने काफिले के साथ यात्रा कर रही थीं, उसी वक्त हवाई हमले में आग की चपेट में आ गई.

इसके बाद घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई. उनकी मौत की ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री ने निंदा की थी. उन्होंने इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया था. इसी घटना के समय इजरायली सेना ने रफाह में भी जबरदस्त हमला करके 6 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. इसमें तीन बच्चे शामिल थे. उनके परिजनों का भी रो-रोकर हाल बुरा था. इजरायल हमले का सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है. इसे लेकर यूएन में लगातार बैन करने की मांग उठ रही है.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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