RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

6 महीने से जारी युद्ध के बीच पहली बार है जब इजरायली सेना घर लौटी

तेलअवीव
इजरायल और हमास के बीच भीषण जंग के बीच आईडीएफ ने अपने कदम पीछे हटा दिए हैं। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर इजरायली सेना गाजा और राफा से लौट आई है। 6 महीने से जारी युद्ध के बीच यह पहली बार है जब इजरायली सेना घर लौटी है। इजरायल पर मंडरा रहे हमले की आशंकाओं के बीच फिलिस्तीनी जो आईडीएफ के कत्लेआम के बाद भाग गए थे, घर लौट रहे हैं। वापस आकर फिलिस्तीनियों को सिर्फ लाशों के ढेर दिख रहे हैं। फिलिस्तीनियों ने अपनी दास्तां में बताया कि जो शहर कभी 4 लाख लोगों का आशियाना हुआ करता था, इजरायली सेना ने उसे महीनों की बमबारी में मरघट बना दिया है।

इजराइली सैनिकों के दक्षिण गाजा शहर से पीछे हटने के बाद रविवार को खान यूनिस के तबाह शहर में फिलिस्तीनियों की वापसी हुई। घर लौटे फिलिस्तीनियों में चार बच्चों की मां थायर ने कहा कि यहां कुछ भी नहीं बचा है। हर ओ से सिर्फ मौत की गंध आ रही है। 38 वर्षीय महिला ने एएफपी को बताया, "अब हमारे पास कोई शहर नहीं है, यह केवल मलबे का ढेर है। जहां कुछ भी नहीं बचा है। सड़कों से गुजरते हुए मैं खुद को रोने से नहीं रोक सकी।"

थायर का घर भी अन्य फिलिस्तीनियों की तरह नष्ट हो चुका है। उन्होंने कहा कि सभी सड़कों पर बुलडोजर चलाया है। मैंने लोगों को खुदाई करते और शवों को बाहर निकालते हुए देखा।

गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्टूबर से पहले खान यूनिस और उसके आसपास लगभग 400,000 लोग रहते थे। महीनों की बमबारी और इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीनी आतंकवादियों के बीच भारी लड़ाई के बाद अधिकांश क्षेत्र अब खंडहर हो गया है। हमले के दौरान इन लोगों ने राफा शहर में शरण ले रखी थी। अब ये इजरायली सेना की वापसी के बाद घर लौट रहे हैं।

खान यूनिस के पश्चिम में पॉश हमाद सिटी जिले की रहने वाली थायर ने कहा कि इजरायली सेना की क्रूरता देख मैं "बहुत हैरान और दुखी" हूं। उन्होंने कहा, "वहां कोई दीवार या खिड़कियां नहीं है, जो सुरक्षित हो। अधिकतर मोबाइल और बिजली के टॉवर भी नष्ट हो चुके हैं।  थायर ने कहा कि वह अपने बुरी तरह क्षतिग्रस्त अपार्टमेंट में वापस जा रही हैं, भले ही यह रहने के लिए उपयुक्त नहीं हो, लेकिन तंबू से बेहतर है।

गौरतलब है कि इजरायली सेना के हमले में गाजा शहर में मौत का आंकड़ा कम से कम 33,175 है। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button