RO.NO.12879/162
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

29 लोकसभा क्षेत्रों में से भाजपा ने 6 सीटों पर महिलाओं को बनाया उम्मीदवार

इंदौर
 महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है तो पार्टियां बगलें झांकने लगती हैं। ऐसा ही कुछ इस बार के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। कहने को तो महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बातें होती हैं, लेकिन धरातल पर देखें तो टिकट वितरण में महिला प्रत्याशियों की अनदेखी साफ नजर आती है। मालवा-निमाड़ में लोकसभा की आठ सीटें हैं। भाजपा ने इन आठ सीटों में से दो पर महिला प्रत्याशियों को मौका दिया है, जबकि कांग्रेस ने एक भी नहीं।

प्रदेश स्तर पर बात करें तो मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने छह पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक पर। जिस पार्टी की कर्ताधर्ता खुद एक महिला हो, उसी का महिलाओं से कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा। भाजपा ने पिछले चुनाव में प्रदेश से तीन महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, उसने इस बार यह संख्या दोगुनी कर दी, जबकि कांग्रेस ने पिछली बार चार महिला प्रत्याशियों के मुकाबले इस बार सिर्फ एक महिला को प्रत्याशी बनाया।

राजनीति में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की बातें लंबे समय से हो रही हैं। महिला आरक्षण विधेयक भी पारित हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव में आरक्षण लागू हो भी जाएगा। बहरहाल इस बार के लोकसभा चुनाव को देखें तो मालवा-निमाड़ की आठ लोकसभा सीटों में से भाजपा ने छह पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं। ये सीटें हैं धार और झाबुआ।

धार सीट पर पार्टी ने पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को मौका दिया है, जबकि झाबुआ सीट पर उसने अनीता नाहरसिंह चौहान पर दांव लगाया है। मालवा-निमाड़ में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस बहुत ज्यादा पिछड़ी नजर आ रही है। पिछली बार उसने मीनाक्षी नटराजन को अवसर दिया था, लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया गया।

प्रदेश स्तर पर भी कांग्रेस फिसड्डी
महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में प्रदेश स्तर पर भी कांग्रेस भाजपा के मुकाबले फिसड्डी साबित हो रही है। प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। यानी चुनाव परिदृश्य बिलकुल साफ है। इन 29 सीटों में से भाजपा ने छह पर महिलाओं को मौका दिया है। ये सीटें हैं- धार, झाबुआ, भिंड, सागर, बालाघाट और शहडोल हैं। इधर कांग्रेस ने प्रदेशभर में सिर्फ रीवा सीट पर ही महिला प्रत्याशी को आजमाया है। इस सीट पर पार्टी ने नीलम मिश्रा को अवसर दिया है।

दो महिलाओं को राज्यसभा भी भेज चुकी है भाजपा
कुछ दिन पहले हुए राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में भाजपा प्रदेश से दो महिलाओं कविता पाटीदार और सुमित्रा वाल्मीकि को राज्यसभा भेज चुकी है। कांग्रेस इस मामले में भी पीछे रही।

स्टार प्रचारकों के मामले में भी भाजपा आगे
स्टार प्रचारकों में महिलाओं को शामिल करने के मामले में भी कांग्रेस भाजपा के मुकाबले पिछड़ी नजर आ रही है। उसके स्टार प्रचारकों की सूची में इक्का-दुक्का महिलाएं शामिल हैं जबकि भाजपा में कई महिला नेत्रियों को स्टार प्रचारक का दर्जा दिया है।

आरक्षण लागू हुआ तो कम से कम आठ सीटें मिलेंगी
देश की राजनीति में महिला आरक्षण लागू होने के बाद स्थिति बदल जाएगी। आरक्षण अधिनियम के अनुसार राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत सीटें देने का प्रविधान है। इस हिसाब से देखें तो वर्ष 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कम से कम आठ महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। यही स्थिति विधानसभा सीटों में भी रहेगी। प्रदेश की 229 विधानसभा सीटों में से कम से कम 76 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button