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व्यापार जगत

ऐपल अपने वर्कर्स के लिए 78,000 से अधिक मकान बनाएगी

नई दिल्ली
 आईफोन (iPhone) बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी ऐपल (Apple) भारत में 78,000 से अधिक मकान बनाने की तैयारी में है। ऐपल ने पिछले ढाई साल में भारत में 150,000 डायरेक्ट जॉब पैदा किए हैं। अब ऐपल ईकोसिस्टम चीन और वियतनाम के इंडस्ट्रियल हाउसिंग के तर्ज पर भारत में भी अपने फैक्ट्री कर्मचारियों को आवासीय सुविधाएं प्रदान करने की तैयारी में है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक ऐपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर्स और सप्लायर्स अपने कर्मचारियों के लिए मकान बनाने की योजना बना रहे हैं। इनमें फॉक्सकॉन, टाटा और Salcomp भी शामिल हैं। ये मकान पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाए जा रहे हैं। इस योजना के तहत 78,000 से अधिक यूनिट्स का निर्माण किया जाना है। इनमें से तमिलनाडु को सबसे ज्यादा करीब 58,000 मकान मिलेंगे।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मकान स्टेट इंडस्ट्री प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु द्वारा बनाए जा रहे हैं। टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी घर बना रहे हैं। योजना के तहत, केंद्र सरकार 10-15% फंडिंग प्रदान करेगी जबकि बाकी पैसा राज्य सरकारें और कंपनियां देंगी। अधिकारियों ने कहा कि निजी क्षेत्र को निर्माण और हैंडओवर की प्रक्रिया 31 मार्च, 2025 को खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर में पूरा होने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा, 'इस योजना का मकसद एफिशियंसी में सुधार करना और खासतौर पर प्रवासी महिला कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करना है। इनमें से अधिकांश की उम्र 19 से 24 वर्ष के बीच है। अधिकारियों ने कहा कि खासकर महिलाओं के लिए एक ही लोकेशन पर इतनी बड़ी हाउसिंग योजना भारत में अपनी तरह की पहली स्कीम है। अधिकांश कर्मचारी किराये पर रहते हैं और फैक्ट्रीज तक पहुंचने के लिए उन्हें बसों में घंटों यात्रा करनी पड़ती है। चूंकि कई कर्मचारी महिलाएं हैं, इसलिए इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी पैदा होती हैं।

फैक्ट्री के करीब मकान

अधिकारियों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री लोकेशन सेंसिटिव है और उसे एक बड़े हवाई अड्डे के पास होना चाहिए, ताकि कार्गो को आसानी से बाहर भेजा जा सके। सरकार वर्कर्स के लिए आरामदायक हाउसिंग सुनिश्चित करना चाहती है क्योंकि उनमें से कई देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने ईटी को बताया कि आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वर्कर्स को फैक्ट्री के करीब अच्छी क्वालिटी वाले मकान दिए जाएं। इससे उत्पादकता और काम की स्थिति में सुधार होता है। भारत में ऐपल के लिए आईफोन के सबसे बड़े सप्लायर फॉक्सकॉन को 35,000 मकान मिलेंगे। कंपनी की फैक्ट्री तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में है। फॉक्सकॉन में अभी 41,000 वर्कर्स काम करते हैं जिनमें से 75% महिलाएं हैं।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स होसुर फैसिलिटी में अपने कर्मचारियों के लिए 11,500 यूनिट बना रही है। टाटा मुख्य रूप से घरेलू उपयोग और निर्यात के लिए आईफोन इनक्लोजर्स बनाती है। ऐपल के लिए पावर एडेप्टर, इनक्लोजर और मैग्नेटिक्स बनाने वाली Salcomp 3,969 हाउसिंग यूनिट का इस्तेमाल करेगी। इस बारे में ऐपल, फॉक्सकॉन और Salcomp ने सवालों का जवाब नहीं दिया। भू-राजनीतिक तनाव के बीच अमेरिका और चीन बाजारों में सुस्ती आई है। इस कारण ऐपल भारत पर फोकस कर रही है जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है।

विस्ट्रॉन की योजना

ऐपल ने 2017 में भारत में आईफोन का निर्माण शुरू किया और अगस्त 2021 में शुरू हुई उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत उसने प्रॉडक्शन बढ़ाया। कंपनी फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन के जरिए अपने लेटेस्ट आईफोन मॉडल को असेंबल कर रही है और साथ ही वह भारत में ही कंपोनेंट्स बना रही है। सूत्रों का कहना है कि हाउसिंग स्कीम ऐपल की पहल पर बनाई जा रही है। साल 2020 में कर्नाटक के नरसपुरा में विस्ट्रॉन फैसिलिटी और दिसंबर 2021 में तमिलनाडु में फॉक्सकॉन कारखाने में कर्मचारियों के असंतोष के कारण कामकाज प्रभावित हुआ था। विस्ट्रॉन का मालिकाना हक अब टाटा ग्रुप के पास आ गया है। विस्ट्रॉन अपनी फैक्ट्री के करीब वर्कर्स के लिए मकान बना सकती है। कंपनी प्रत्यक्ष रूप से करीब 27,000 कर्मचारियों को रोजगार देती है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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