राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भोजशाला में आज 23वें दिन मशीनों से हुई परिसर में खुदाई, आज पढ़ी गई नमाज

धार

संरक्षित इमारत भोजशाला में गुरुवार को पश्चिमी हिस्से में टीम ने दिनभर काम किया। यहां पर दीवार, सीढिय़ों और स्तंभ की क्लीनिंग में टीम जुटी रही। इधर, मजदूरों की दिक्कत के चलते काम प्रभावित होने के बाद अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने खनन व सफाई में मशीनों की मदद लेना शुरू कर दी है। त्योहार के कारण धीमी होती जांच में विशेषज्ञ दलों ने एडवांस मशीनों का भी सर्वे में इस्तेमाल किया।

इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर वैज्ञानिक सर्वे 22वें दिन जारी रहा। आज शुक्रवार होने के चलते दोपहर 12 बजे तक ही सर्वे हुआ । दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक भोजशाला में नमाज हुई । आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने मुस्लिम समाज को यहां पर नमाज करने की अनुमति दी है। नमाज के बाद फिर एएसआई टीम सर्वे करेगी।

20 मजदूरों की टीम जुटी

एएसआइ की टीम ने गुरुवार को अवशेषों और मिट्टी हटाने पर निकले चिह्नों और मूर्तियों की सफाई की। इधर भोजशाला से लगे जिस स्थान पर गोमुख की आकृति मिली थी, उसकी भी सफाई की गई। भोजशाला में फिलहाल 18 पुरातत्व विशेषज्ञ दल के अलावा 20 मजदूरों की टीम कार्य में जुटी हुई है। पिछले 4 दिनों से कमाल मौलाना दरगाह परिसर में स्थित अकल कुइयां का सर्वे भी जारी है । अलग-अलग विधाओं के लगभग पांच अधिकारी अकल कुइयां में उतरे थे । भोजशाला के उत्तरी ओर पिछले हिस्से में सर्वे का काम भी लगातार जारी है।

हमारा विश्वास भी आगे बढ़ रहा है…..

हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से सर्वे का काम बिना अवकाश के लगातार 21 दिनों से जारी है। इस दौरान न्यायालय के आदेश के अनुसार सभी बिंदुओं पर भोजशाला के अंदर और बाहर 50 मीटर के क्षेत्र में एएसआई ने अपनी तकनीक से उत्खनन, ड्राफ्टिंग, मैपिंग, मेजरमेंट, कार्बन डेटिंग, ब्रशिंग से लेकर सारी विधाओं से सर्वे का काम किया है।

सर्वे के दौरान निश्चित रूप से अनेक प्रकार के अवशेष और प्रमाण भी मिले हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि यह शाश्वत सत्य है और यह निश्चित ही कानून और संविधान के दायरे में प्रतिपादित होगा कि यह मां सरस्वती का मंदिर भोजशाला ही है। जैसे-जैसे सर्वेक्षण आगे बढ़ते जा रहा है। हमारा विश्वास भी आगे बढ़ रहा है। अंदर मिल रहे अवशेषों से भी हमे सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है । साथ ही कहा कि भोजशाला में मां सरस्वती का अभिषेक होता था। उसका जल बाहर की ओर गोमुख के द्वारा ही सरस्वती कूप या अकल कुइयां में जाता था।

ऐसा है पूरा मामला
 

धार जिले में स्थित भोजशाला को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अहम फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने भोजशाला के एएसआई सर्वे को लेकर आदेश दिया है। धार स्थित भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है, जहां वसंत पंचमी समेत त्योहारों पर देवी की विशेष आराधना होती है। वहीं भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था, जिस पर हाईकोर्ट की ओर से एएसआई सर्वे का आदेश दिया गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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