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स्वास्थ्य

अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेस्ट ऑयल: प्राकृतिक और पोषक विकल्पों की जाँच

इसमें मौजूद मोनो-सैचराइड फैट और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मददगार हैं।

इतना ही नहीं ऑलिव ऑयल का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जिससे आपकी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी बनी रहती है।

इसका सेवन डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के खिलाफ रक्षा करता है। ऑलिव ऑयल में विटामिन ई, विटामिन के और अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो स्किन हेल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं।

हेल्दी हार्ट

NCBI पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ऑलिव ऑयल में मोनोनसैचराइड्स और पॉलीअनसैचराइड्स जैसे डाइटरी फैट होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। मोनोनसैचराइड्स हृदय रोग के खतरे को कम करता है और पॉलीअनसैचराइड्स भी हार्ट को हेल्दी बनाए रखते हैं।ऑलिव ऑयल में शामिल अन्य तत्व जैसे कि विटामिन ई, विटामिन के और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स भी हृदय की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।

वेट लॉस में हेल्प करता है

जैतून तेल में मौजूद मोनो सैचुरेटेड फैट, वेट लॉस में मदद करते हैं। यह ऑयल पेट की चर्बी और वजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैतून ऑयल में विटामिन ई और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो वेट लॉस के साथ स्किन टोनिंग में हेल्प करता है। इसके गुणों को प्राप्त करने के लिए रोजाना एक चम्मच ऑलिव ऑयल की काफी है।

बेड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है

ऑलिव ऑयल में गुड फेटस होते हैं, जो आपकी बॉडी में बेड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने नहीं देते हैं। बेड कोलेस्ट्रॉल से धमनियों में संकुचन पैदा होती है, लेकिन ऑलिव ऑयल शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे अटैक का रिस्क भी काफी कम हो जाता है। जैतून के तेल से दिल मजबूत होता है और दौरा पड़ने की संभावना भी कम हो सकती है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है

जैतून तेल की मालिश करने से हड्डियों मजबूती होती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है।इससे हड्डियों की मांसपेशियों को स्ट्रेंथ मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बोन लॉस की स्थिति से लड़ने में मदद मिलती है।

डायबिटीज को कंट्रोल करता है

ऑलिव ऑयल डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।आलिव ऑयल में मोनोनसैचराइड्स फैट्स होते हैं, जो इंसुलिन संवाहक हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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