राजनीति

माधवी लता की बढ़ी मुश्किलें, एफआईआर दर्ज

मामला 17 अप्रैल का रामनवमी जुलूस का है

हैदराबाद-हैदराबाद लोकसभा सीट से भारतीय जतना पार्टी की उम्मीदवार के. माधवी लता के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक जुलूस के दौरान एक पूजा स्थल पर काल्पनिक तीर निकालकर उसे चलाने का इशारा किया था, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.पुलिस ने रविवार को बताया कि हैदराबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी के माधवी लता के खिलाफ एक शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 17 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान माधवी लता ने पूजा स्थल पर तीर चलाने का इशारा किया. इससे  मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुईं हैं.

पुलिस के अनुसार, 20 अप्रैल को माधवी लता के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया काम) के तहत मामला दर्ज किया गया है.सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा माधवी लता का ये वायरल वीडियो 17 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान का बताया जा रहा है, जिसमें वह अपने हाथों को फैलाकर काल्पनिक तीर चलाती हुई नजर आ रही हैं.

वीडियो पर विवाद के बाद माधवी लता ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए दावा किया कि वीडियो एडिट किया गया है. वहीं, इस क्लिप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में आया है कि एक वीडियो नकारात्मकता पैदा करने के लिए मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है. मैं स्पष्ट करना चाहूंगी कि यह एक अधूरा वीडियो है और ऐसे वीडियो के कारण भी अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं माफी मांगना चाहूंगी, क्योंकि मैं सभी धर्मो का सम्मान करती हूं.

नॉन पॉलिटिकल बैकग्राउंड परिवार से आने वाली के. माधवी हिंदुत्व की एक समर्थक हैं और तीन तलाक पर अपने बयानों के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा में आई थीं. उन्होंने तीन तलाक को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं के ग्रुप के साथ सहयोग किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी सराहना कर चुके हैं. माधवी लता हाल ही में सुर्खियों में तब आईं जब बीजेपी ने उन्हें असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हैदराबाद से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया.

बता दें कि हैदराबाद एआईएमआईएम का गढ़ माना जाता है, जहां 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा है. असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन पहली बार इस सीट से 1984 में लोकसभा का चुनाव जीते थे. वह 20 साल तक इस सीट से सांसद रहे. इसके बाद इस सीट का नेतृत्व असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं, जिनको इस लोकसभा चुनाव में माधवी लता टक्कर दे रही हैं.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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