‘कल्पना करें ‘इंडी’ वाले सत्ता में आए तो क्या-क्या तोड़ेंगे’, रैली में कुर्सियां तोड़ने पर भाजपा का कटाक्ष
रांची.
झारखंड की राजधानी रांची में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने अपनी महारैली का आयोजन किया। इस रैली को 'उलगुलान न्याय महारैली' का नाम दिया गया है। उलगुलान न्याय महारैली में जहां विपक्षी दलों के नेता जहां भाजपा पर बरसे। वहीं दूसरी ओर रैली में राजद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट भी देखी गई। इसे लेकर भाजपा ने इंडिया ब्लॉक पर कटाक्ष किया है।
भाजपा ने इसे जंगलराज का प्रदर्शन बताते हुए कहा कि विपक्षी दलों के बीच देश के लिए कोई साझी कार्य योजना और द्रष्टिकोण नहीं है। इसका ताजा उदाहरण अपनी ही रैली में कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई है। जानकारी के मुताबिक, उलगुलान न्याय महारैली में राजद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जो भिड़ंत हुई उसके पीछे का कारण चतरा से केएन त्रिपाठी की उम्मीदवारी रही। केएन त्रिपाठी की उम्मीदवारी को लेकर ही इंडिया ब्लॉक की रैली के बीच कथित तौर पर राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। कांग्रेस ने त्रिपाठी को चतरा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। राजद-कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस भिड़ंत पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया दी है।
कल्पना कीजिए वे अगर सत्ता में आ गए तो
एक वीडियो संदेश में, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "यह कैसा गठबंधन है? रांची में INDI गठबंधन की संयुक्त रैली में, उनके कार्यकर्ताओं (पार्टी कार्यकर्ताओं) द्वारा एक-दूसरे पर कुर्सियां, मेज, स्टूल और लाठियां भांजी गईं। आज वे एक-दूसरे का सिर तोड़ रहे हैं, कल्पना कीजिए अगर गलती से वे सत्ता में आ गए तो वे क्या तोड़ेंगे। ऐसे में मतदान करते समय उम्मीदवारों को चुनते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है।'
रैली में ही हिंसा की राजनीति
आगे बोलते हुए पूनावाला ने आरोप लगाया कि यह जंगलराज रैली स्थल पर ही हो रहा है। विपक्षी गठबंधन को जंगल राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले दलों का समूह बताते हुए पूनावाला ने कहा कि ये नेता केवल अपने परिजनों और रिश्तेदारों की भ्रष्टाचार की राजनीति को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। उनके पास देश के लिए कोई साझा मिशन नहीं है। विपक्षी गठबंधन में केवल भ्रम, विभाजन, महत्वाकांक्षाएं, और हताशा है। इस वजह से आप उनकी रैली में ही हिंसा की राजनीति देख सकते हैं।
पूनावाला ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये जंगल राज और भ्रष्टाचार की पार्टियां हैं। ऐसे में लोगों को बहुत सावधान रहना चाहिए कि वे इस देश को क्या देने जा रहे हैं।
भारी संख्या में लोग रैली में पहुंचे
इससे पहले, रैली के दौरान भीड़ ने 'जेल का ताले टूटेंगे, हेमंत सोरेन छूटेंगे' और 'झारखंड झुकेगा नहीं' जैसे नारे लगाए। झारखंड की राजधानी का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास होने के बावजूद भारी संख्या में लोग रैली में शामिल हुए। चिलचिलाती गर्मी के बीच सभी रैली के समर्थन जुटे रहे। 'उलगुलान' शब्द, जिसका अर्थ क्रांति है। इसे आदिवासियों के अधिकारों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा की लड़ाई के दौरान गढ़ा गया था।
इन दिग्गजों की रही मौजूदगी
कल्पना और सुनीता के अलावा जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, पंजाब के सीएम भगवंत मान और अन्य ने रैली में शक्ति प्रदर्शन किया। प्रभात तारा मैदान में हो रही रैली में कुल 28 राजनीतिक दल हिस्सा ले रहे हैं।