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एनआईए को मिली एक बड़ी कामयाबी, खालिस्तानी आतंकी इंदरपाल गिरफ्तार

नई दिल्ली

पिछले करीब एक साल में भारत और हिंदू विरोधी खालिस्तानी गतिविधियाँ बढ़ी हैं। कनाडा , अमेरिका और इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में रह रहे खालिस्तानियों ने भारत और हिंदू विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ जगहों पर भारतीय दूतावासों के बाहर हंगामा, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान जैसी हरकतें खालिस्तानी आतंकियों ने की हैं। पर हाल ही में भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। एनआईए ने इंग्लैंड में रहने वाले एक खालिस्तानी आतंकी को धर दबोचा है।

एनआईए ने हाल ही में खालिस्तानी आतंकी इंदरपाल सिंह गाबा को गिरफ्तार कर लिया है। गाबा किसी काम से भारत आया था और इसी दौरान एनआईए ने उसे धर दबोच लिया।

लंदन में तिरंगे का किया था अपमान
23 मार्च 2023 को लंदन में भारतीय हाई कमीशन के बाहर खालिस्तानियों के एक समूह ने हंगामा किया था। उनमें गाबा भी शामिल था। गाबा ने भारतीय हाई कमीशन पर लगे तिरंगे को उतारकर उसका अपमान भी किया था। इसके अलावा भी गाबा ने समय-समय पर भारत और हिंदू विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लिया है और जमकर जहर भी उगला है।

लंदन में भारतीय अधिकारियों पर हमले के लिए रची गई थी साजिश

केंद्रीय एजेंसी की ओर से बताया गया कि मामले में एनआईए की अब तक की जांच से पता चला कि पिछले साल 19 और 22 मार्च को लंदन में हुई विरोध प्रदर्शन की घटनाएं यूं ही नहीं थीं. ये भारतीय मिशन और उसके अधिकारियों पर हमले करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं. हमले की घटना को अंजाम देने के लिए प्रदर्शन  की आड़ ली गई थी.

एनआईए के बयान में यह भी कहा गया कि हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे खालिस्तानी आतंकवादी अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की ओर से 18 मार्च 2023 को की गई कार्रवाई के बाद लंदन में बैठे खालिस्तानी आतंकवादियों ने बदला लेने की योजना बनाई थी. इसी के लिए मार्च, 2023 में लंदन में  इंडियन एंबेसी के सामने विरोध प्रदर्शन की आड़ में ये हमले किये गये थे. इसके अनुसार मामले की जांच जारी है. मामले में गिरफ्तार इंद्रपाल सिंह से पूछताछ कर हमले की घटना में शामिल रहे और अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा CCTV फ़ुटेज के आधार पर अन्य संदिग्धों की भी शिनाख्त की गई है.

यह है मामला
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने लंदन में भारतीय मिशन में तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी। 19 मार्च को उच्चायोग के परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए थे। 22 मार्च को गाबा ने भारत विरोधी नारे लगाए थे और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। पिछले साल मार्च में हुए हिंसक प्रदर्शनों को बार-बार ब्रिटिश संसद में उठाया गया और तब से लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर मेट्रोपॉलिटन पुलिस सुरक्षा में लगी है। इस घटना में कई संदिग्धों की जांच की गई। इसके अलावा, पंजाब और राजस्थान में 31 स्थानों पर तलाशी ली गई।

अटारी सीमा पर हिरासत में लिया गया
अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा कि इंद्रपाल सिंह गाबा समेत कई संदिग्धों के खिलाफ एलओसी जारी किया गया था। गाबा को पिछले साल नौ दिसंबर को अटारी सीमा पर हिरासत में लिया गया, जब वह पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर रहा था। तब उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया था और जांच की गई।

बता दें, गाबा ने खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले के बाद खुद को तैयार किया था। फिलहाल वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख इंद्रपाल सिंह गाबा अपने नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

वीडियो किए थे जारी
एनआईए ने पिछले साल जून में पांच वीडियो जारी किए थे और हिंसक प्रदर्शनों में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने में आम जनता की मदद मांगी थी।

एनआईए एक टीम ने लंदन का दौरा किया था
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले एनआईए एक टीम ने मामले की जानकारी के लिए लंदन का दौरा किया था और स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों से बातचीत की थी। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच अपने हाथ में ली थी, जिसने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में आगे की जांच जारी है।

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेनहाट ने इस घटना को लेकर सदन में कहा था कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लिया गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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