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अफगानिस्तान में बीमारी से जूझ रहे 2.37 करोड़ लोग, यूनिसेफ ने बताई मानवीय मदद की जरूरत

नई दिल्ली.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी एक रिपोर्ट के जारी करते हुए कि अफगानिस्तान में 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को भी मदद की आवश्यकता है। इस साल में अब तक खसरे के 14,570 मामले सामने आ चुके है, जिसमें से 71 मौतें हो चुकी हैं। अफगानिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में जलवायु परिवर्तन, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के कारण लंबे समय से गरीबी बढ़ती जा रही है।

बता दें कि यूनिसेफ ने मार्च में देश की मानवीय स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बात की गई है। रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को मानवीय मदद की आवश्यकता है। स्थिति यहां तक बिगड़ी हुई है कि इस साल की शुरूआत से अब तक लगभग 71 मौतें दर्ज हुई हैं, वहीं 14,570 खसरे के मामले सामने आए हैं। बीमारों में 11,000 से अधिक बच्चे हैं, जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम है। वहीं 6000 से अधिक महिलाएं इसका शिकार हुई हैं। यूनिसेफ ने अपने मानवीय साझेदारों से अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। रिपोर्ट के अनुसार 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता से अफगानिस्तान के केवल 35 प्रतिशत बच्चों को ही सुरक्षित किया गया है। बता दें कि सेव द चिल्ड्रन ने हाल ही में अफगानिस्तान के बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यकत की है। अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने वाले 2,50,000 अफगान बच्चों को भोजन और आश्रय की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 27 अप्रैल को विश्व खाद्य कार्यक्रम में बताया गया कि हर महीने छह मिलियन लोगों को भोजन के साथ-साथ नगद दिया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं आता है तो अफगानिस्तान में लगभग 15.8 मिलियन लोग खाद्य असुरक्षा संकट से जूझेंगे। बता दें कि अफगानिस्तान में लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बजट मांगा गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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