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कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारियों का बवाल, बिल्डिंग पर फिलिस्तीनी का कब्जा, खिड़की तोड़कर घुसी न्यूयॉर्क पुलिस

वॉशिंगटन /कोलंबिया
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी पिछले दो सप्ताह से फिलिस्तीन के समर्थन वाले प्रदर्शन के कारण पूरी तरह से ठप है। मंगलवार देर शाम न्यूयॉर्क शहर के पुलिस अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए यूनिवर्सिटी पर धावा बोला। पुलिस की ओर से यह कार्रवाई तब हुई जब कुछ घंटों पहले मेयर एरिक एडम्स ने घोषणा की थी कि अब प्रदर्शन समाप्त होना चाहिए। इजराइल-हमास युद्ध को लेकर कई कॉलेज परिसरों में छात्रों के प्रदर्शनों के बीच मंगलवार तड़के दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक इमारत पर कब्जा कर लिया था। पुलिस खिड़की तोड़कर बिल्डिंग में घुसी है। लगभग 50 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।

मंगलवार को छात्रों ने एक खिड़की से फिलस्तीनी झंडा फहराया। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि विश्वविद्यालय के मैनहट्टन परिसर में हैमिल्टन हॉल के सामने प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और उन्होंने फर्नीचर और अन्य चीजों से इमारत को अवरूद्ध कर दिया। 1968 के नागरिक अधिकार आंदोलन और वियतनाम युद्ध विरोधी प्रदर्शन के दौरान भी इस इमारत पर कब्जा कर लिया गया था। प्रदर्शन के आयोजकों ने सोमवार को देर रात इंस्टाग्राम पेज पर एक पोस्ट में लोगों से जुटने और हैमिल्टन हॉल आने का आग्रह किया।

निलंबन की मिली थी वॉर्निंग

इस दौरान एक खिड़की से 'मुक्त फलिस्तीन' का बैनर लटका हुआ था। छात्र रेडियो स्टेशन डब्ल्यूकेसीआर-एफएफ ने हॉल पर कब्जे का प्रसारण किया। यह प्रदर्शन सोमवार दोपहर दो बजे की समय सीमा के लगभग 12 घंटे बाद शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों को सोमवार दोपहर तक वहां से हट जाने या निलंबन के लिए तैयार रहने को कहा गया था। बिल्डिंग की दूसरी मंजिल की खिड़की को पुलिस ने तोड़ दिया और सीढ़ी के सहारे उसमें दाखिल हुए। बड़ी संख्या में कैंपस में पुलिस अधिकारी मौजूद थे, जो भीड़ को पीछे कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारी 'शर्म करो, शर्म करो' चिल्ला रहे थे।

पुलिस ने 50 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार किया

कोलंबिया यूनिवर्सिटी से आ रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है। कई लोगों को अरबी स्कार्फ पहने देखा जा सकता है। वह प्रदर्शनकारी जो गिरफ्तार नहीं हुए वह बाहर से नारेबाजी करते रहे। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष नेमत शफीक ने पुलिस को अंदर आने के लिए अत्यंत खेद के साथ पत्र लिखा था। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में शफीक ने बताया कि छात्रों के अलावा बिल्डिंग में बाहरी लोग भी हैं, जिनका यूनिवर्सिटी से संबंध नहीं है। कुछ लोगों ने यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने घटनाक्रम पर टिप्पणी का अनुरोध करने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया, लेकिन सार्वजनिक सुरक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि सिर्फ एक ही स्थान से प्रवेश किया जा सकता है या बाहर निकला जा सकता है। उसने कहा कि समुदाय के प्रत्येक सदस्य की सुरक्षा सर्वोपरि है।

प्रदर्शनकारियों ने ‘एक्स’ पर कहा कि उनकी योजना तब तक हॉल में बने रहने की है जब तक कि विश्वविद्यालय विनिवेश, वित्तीय पारदर्शिता और माफी संबंधी उनकी तीन मांगों को स्वीकार नहीं कर लेता।

इजराइल-हमास युद्ध को लेकर कोलंबिया विश्वविद्यालय में इस महीने प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद से कई अन्य कॉलेज परिसरों में भी छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। छात्र विश्वविद्यालयों से उन कंपनियों से अलग होने की मांग कर रहे हैं जो गाजा में इजराइल के सैन्य प्रयासों में मदद कर रही हैं। न्यूयॉर्क पुलिस ने 18 अप्रैल को कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था।

कई कॉलेज परिसरों में विरोध प्रदर्शन छात्र समूहों द्वारा आयोजित किए गए हैं। कुछ विश्वविद्यालयों ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन में बाहरी लोग भी शामिल हो गए हैं और उन्होंने परेशानी पैदा की है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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