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सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन को महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई पद आरक्षित करने का निर्देश दिया

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) को अपनी कार्यकारी समिति में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई पद आरक्षित करने का निर्देश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ ने एससीबीए से यह भी कहा कि 2024-25 के चुनावों में कोषाध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।

पीठ ने कहा कि पदाधिकारियों का एक पद रोटेशन के आधार पर महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। इसने स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देश महिलाओं को एससीबीए के अन्य पदों पर चुनाव लड़ने से अयोग्य नहीं ठहराएंगे। इस तरह पदाधिकारियों का एक पद, दो वरिष्ठ कार्यकारी सदस्यों और तीन कार्यकारी सदस्यों का पद अनिवार्य रूप से महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।

इससे पहले फरवरी में एससीबीए ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि कार्यकारी सदस्यों के रूप में महिला अधिवक्ताओं के नामांकन पर चर्चा के लिए दो महीने के भीतर जनरल बाडी की बैठक बुलाई जाएगी। जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ वकील योगमाया एमजी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एससीबीए के भीतर लैंगिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे का समाधान करने के लिए बैठक बुलाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने एससीबीए से कार्यकारी समिति में महिला प्रतिनिधित्व की कमी से जुड़े मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध किया था। इस सिलसिले में उन्होंने एससीबीए को एक प्रतिवेदन सौंपा था, जिस पर 270 सदस्यों के हस्ताक्षर थे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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